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Coronavirus: होम आइसोलेट मरीजों की दोबारा नहीं होगी जांच, जानें-क्या है कारण Gorakhpur News

सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने शासन स्तर से लक्षणरहित कोरोना उपचाराधीन मरीजों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 06:56 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 06:56 PM (IST)
Coronavirus: होम आइसोलेट मरीजों की दोबारा नहीं होगी जांच, जानें-क्या है कारण Gorakhpur News
Coronavirus: होम आइसोलेट मरीजों की दोबारा नहीं होगी जांच, जानें-क्या है कारण Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। होम आइसोलेट कोरोना मरीजों की 10 दिन की अवधि पूरी होने व अंतिम तीन दिनों लक्षण नजर न आने पर दोबारा कोरोना जांच नहीं होगी। हालांकि उन्हें सात दिन और घर पर ही रहना होगा। इसके बाद स्वास्थ्य संबंधी स्क्रीिनिंग प्रक्रिया पूरी करके उन्हें कोरोना मुक्त घोषित कर दिया जाएगा। यदि इस दौरान बुखार या अन्य कोई लक्षण नजर आते हैं तो चिकित्सक के परामर्श के अनुसार उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज किया जाएगा। ऐसे मरीजों की दोबारा जांच कराई जाएगी।

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ऐसे मरीजों की होगी फौरी मदद

सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने शासन स्तर से लक्षणरहित कोरोना उपचाराधीन मरीजों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। होम आइसोलेशन के दौरान अगर उपचाराधीन मरीज को सांस लेने में कठिनाई, शरीर में आक्सीजन की कमी, सीने में लगातार दर्द या भारीपन हो, मानसिक भ्रम की स्थिति अथवा सचेत होने में असमर्थता, बोलने में समस्या, चेहरे या किसी अंग में कमजोरी, होठों या चेहरे पर नीलापन जैसे लक्षण दिखते हैं तो देखभाल करने वाला व्यक्ति तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करेगा,  उसकी फौरी मदद की जाएगी। ऐसे मरीजों की स्वास्थ्य अधिकारी क्षेत्रीय स्वास्थ्य कर्मियों, सर्विलांस टीम, कोविड कंमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से निगरानी करेंगे। उनके शरीर का तापमान, पल्स रेट तथा आक्सीजन की मात्रा को रिकॉर्ड किया जाएगा। होम आइसोलेशन के नियमों का उल्लंघन करने या आवश्यकता पडऩे पर रोगी को अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकता है।

होम आइसोलेट होने की शर्तें

उपचार करने वाले चिकित्सक ऐसे मरीज को लक्षणविहीन रोगी घोषित करें। घर में कम से कम दो शौचालय हों। स्वजन आइसोलेट होने का इंतजाम करवाएं। एचआइवी, अंग प्रत्यारोपण और कैंसर का पहले से उपचार लेने वाले लोग इसके पात्र नहीं होंगे। 24 घंटे देखरेख करने के लिए घर में एक व्यक्ति उपलब्ध हो जिसे केयर गीवर कहा जाएगा, जो अस्पताल से निरंतर संपर्क बनाए रखे। केयर गीवर और नजदीकी संपर्कियों को चिकित्सक के परामर्श के अनुसार दवा लेनी होगी। आरोग्य सेतु एप डाउनलोड कर ब्लू टूथ और वाइफाइ सक्रिय रखना होगा और उस पर स्वास्थ्य की स्थिति अपडेट करनी होगी। -स्मार्ट फोन न होने की दशा में कोविड कंट्रोल रूम में रोजाना स्वास्थ्य संबंधित जानकारी देनी होगी। उपचाराधीन को अपने सेहत की जानकारी जिला सर्विलांस अधिकारी को नियमित देनी होगी। निर्धारित प्रपत्र पर एक अंडरटेकिंग देनी होगी, जिसमें संबंधित उपचाराधीन कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन का वचन देगा।

मरीजों को ये सामान खुद खरीदनी होगी

सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार होम आइसोलेशन में उपचाराधीन कोविड मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, मॉस्क, ग्लब्स, सोडियम हाइपोक्लोराइड साल्यूशन और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजें खुद खरीदनी होंगी। स्वास्थ्य विभाग उनकी नियमित मानीटङ्क्षरग करता रहेगा।


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