उड़े रंग-अबीर, बाजार भी हुआ रंग-बिरंगा Gorakhpur News
होली गीत संगीत से आरएसएस कार्यकर्ताओं ने लोगों ने झूमने पर मजबूर कर दिया। इसी के साथ ही शहर के बाजारों में उत्साह नजर आया। होली का रंग-विरंगा बाजार गुलजार हैैै।
गोरखपुर, जेएनएन। होली का त्योहार पूरे उल्लास व उमंग के साथ शुरू हो गया है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने सोमवार की सुबह से ही होली मनाने का क्रम शुरू कर दिया जो देर तक जारी रहा।
होली गीत संगीत से आरएसएस कार्यकर्ताओं ने लोगों ने झूमने पर मजबूर कर दिया। इसी के साथ ही शहर के बाजारों में उत्साह नजर आया। ग्राहकों की मौजूदगी से होली का रंग-विरंगा बाजार गुलजार हो चुका है। पिचकारियां हों या रंग, कपड़े या खाने-पीने के सामान, लोगों ने जमकर खरीदारी की।
थोक बाजार के साथ ही शहर के गली-मोहल्लों के बाजारों में भी पिचकारी व रंगों की दुकानें सजकर तैयार हैं। कोरोना के खौफ के बीच चीन से नया माल भले न आया हो, लेकिन बच्चों के लिए बहुत कुछ बाजार में मौजूद है। बाहुबली के नाम से पानी की टंकी हो या बंदूकों के आकार वाली पिचकारियां, बच्चों को खूब भायीं।
बढ़ी है पिचकारियों की कीमत
हर साल चीन से आने वाले माल को देखते हुए इस बार भारतीय कंपनियों ने भी सीमित उत्पादन किया। पांडेयहाता के थोक व्यापारियों का कहना है कि पुराने माल से ही काम चलाना पड़ा है। चीन से नया माल न आने के कारण हर तरह की पिचकारियों की कीमत में 30 फीसद तक बढ़ोत्तरी हुई है। 30 रुपये से लेकर 800 रुपये तक की पिचकारियां उपलब्ध हैं।
इस तरह के बिके हैं मुखौटे
होली की मस्ती बढ़ाने के लिए बाजार में तरह-तरह के मुखौटे को लोगों ने खरीदारी की है। स्पाइडरमैन हो या अन्य डरावनी आकृति वाले मुखौटे, बच्चों को खूब लुभा रहे हैं। कार्टून वाले हंसमुख मुखौटों की भी खूब मांग रही है। कई रंगों वाले मलिंगा बाल भी उपलब्ध हैं। बाजार में शुभकामनाएं देतीं टोपियां भी हैं, जिनकी कीमत 15 रुपये से 60 रुपये तक है। होली खेलने के लिए स्पेशल टीशर्ट भी बिक रही हैं।
हर्बल रंग की बिक्री उम्मीद से ज्यादा
साहबगंज मंडी में रंग की थोक दुकानों पर भीड़ नजर आई। खुले अबीर-गुलाल एवं रंग के साथ ही हर्बल रंगों की खूब बिक्री हुई है। हर्बल रंग पैकेट में हैं। 60 फीसद लोगों की पहली पसंद हर्बल रंग ही हैं। थोक व्यापारी प्रकाश किशन के अनुसार हर्बल रंग एवं अबीर-गुलाल की मांग अधिक है। साहबगंज में अबीर खरीदने आए राजेंद्रनगर के नीरज द्विवेदी का कहना था कि परिवार में हर्बल रंग ही पसंद किया जाता है। इस बार की होली में ठंड का अहसास है, इसलिए बच्चों को पानी वाली होली से दूर रखा जाएगा।
लोगों ने खरीदे मसाले व ड्राई फ्रूट
होली पर मसाले व ड्राई फ्रूट की भी लोगों ने खूब खरीदारी की है। होली में घर आने वाले मेहमानों का स्वागत लोग मिठाई व ड्राई फ्रूट से करते हैं। कुछ लोग उपहार देने के लिए भी ड्राई फ्रूट खरीद रहे हैं। साहबगंज मंडी की थोक दुकानें हों या शहर के विभिन्न क्षेत्रों में खुले जनरल स्टोर, हर जगह ड्राई फ्रूट व मसालों की वेरायटी उपलब्ध है।
फैंसी कुर्ते, जींस व टीशर्ट की बिक्री
होली पर कपड़ा बाजार ने भी पूरी तैयारी की है। आमतौर पर लोग होली खेलने के बाद नए कपड़े पहनना पसंद करते हैं। रेडीमेड बाजार में पुरुष एवं महिलाओं के लिए फैंसी कुर्ते, जींस व टी-शर्ट की खूब बिक्री हुई है। आकर्षक साडिय़ां भी उपलब्ध हैं। गोलघर सहित शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित दुकानों पर लोगों ने खूब खरीदारी की। सिविल लाइन स्थित एक सुपर स्टोर में परिवार के साथ खरीदारी करने आए जगतबेला के एचएन दुबे ने बताया कि कम दाम में अच्छे कपड़े मिल रहे हैं।
खूब बिकी गुझिया व मिठाई
शहर की प्रतिष्ठित मिठाई की दुकानों पर गुझिया व मिठाई की खूब बिक्री हुई। लोगों की पसंद को देखते हुए अलग-अलग आकार की गुझिया 500 से 700 रुपये प्रतिकिलो की दर से बाजार में उपलब्ध है। लोग काजू की बर्फी, रसगुल्ले, लालमोहन व ड्राईफ्रूट से तैयार मिठाई पसंद कर रहे हैं। नमकीन, चिप्स व कचरी की भी खूब बिक्री हुई है।