यहां हाथों हाथ बिक रहे महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद
यहां महिलाओं की समूह द्वारा तैयार किए गए झोला, अंडरवियर, पेटीकोट आदि सामान हाथों हाथ लिए जा रहे हैं। महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।
By Edited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 10:01 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जिले के मिठौरा विकास खंड के मोहनापुर गांव में इन दिनों बदलाव की हवा बह रही है। कभी ड्योढ़ी के अंदर सिमटी रहने वाली आधी आबादी आज ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को रफ्तार देने में जुटी है। 17 महिलाओं के समूह ने झोला, पेटीकोट व अंडरवियर बनाने का कार्य आरंभ कर इस गांव को नई पहचान दी है। रीता देवी के नेतृत्व में महिलाओं का यह समूह अपने उत्पाद को ऊंचाई दे रहा है।
जिले के प्रमुख बाजारों में इनके उत्पाद को लोग पसंद भी कर रहे हैं। गुणवत्ता व अपने कार्य कौशल के बल पर महिलाओं ने अपनी प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर लिया है। इनके कार्य की खासियत यह है कि बाजार से सामान लाकर, उसे सिलने व तैयार सामान को बेचने तक की सारी जिम्मेदारी का निर्वहन ये महिलाएं स्वयं ही कर रहीं हैं। इन महिलाओं ने लिखी तरक्की की इबारत मोहनापुर की रीता देवी के नेतृत्व में कलावती, उर्मिला, केवली, अनारी देवी, मानसी, कौशिल्या, रूपा, राजवंती, दुर्गावती, मंजू, अल्का, सरस्वती, राधिका, सुमित्रा, रमावती देवी व रेखा तरक्की की एक नई इबारत लिख रहीं हैं। छह माह पूर्व इनके द्वारा ज्वाला स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया।
इसके बाद बचत के पैसे से महज 20 हजार रुपये में शुरू हुआ कारोबार आज लाख रुपये वार्षिक टर्नओवर पर पहुंच गया है। जो महिलाएं कभी एक- एक रुपये के लिए पुरुषों पर आश्रित थीं, वह आत्मनिर्भर होकर कुनबे का सहारा बनी हैं। महराजगंज महोत्सव में भी प्रदर्शित होगा हुनर आगामी 25 से 27 जनवरी तक महराजगंज में आयोजित लोकरंजन महोत्सव में भी मोहनापुर की महिलाएं अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगी। उनके बनाएं उत्पाद को यहां महोत्सव में जगह मिलेगी। विकास का मार्ग होगा प्रशस्त ज्वाला स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष रीता देवी का कहना है कि महिलाएं यदि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगी तो विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। मोहनापुर गांव की महिलाओं ने सामूहिक रूप से सिलाई का कार्य आरंभ कर नजीर पेश की है। शीघ्र ही कारोबार को और विस्तार दिया जाएगा।
जिले के प्रमुख बाजारों में इनके उत्पाद को लोग पसंद भी कर रहे हैं। गुणवत्ता व अपने कार्य कौशल के बल पर महिलाओं ने अपनी प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर लिया है। इनके कार्य की खासियत यह है कि बाजार से सामान लाकर, उसे सिलने व तैयार सामान को बेचने तक की सारी जिम्मेदारी का निर्वहन ये महिलाएं स्वयं ही कर रहीं हैं। इन महिलाओं ने लिखी तरक्की की इबारत मोहनापुर की रीता देवी के नेतृत्व में कलावती, उर्मिला, केवली, अनारी देवी, मानसी, कौशिल्या, रूपा, राजवंती, दुर्गावती, मंजू, अल्का, सरस्वती, राधिका, सुमित्रा, रमावती देवी व रेखा तरक्की की एक नई इबारत लिख रहीं हैं। छह माह पूर्व इनके द्वारा ज्वाला स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया।
इसके बाद बचत के पैसे से महज 20 हजार रुपये में शुरू हुआ कारोबार आज लाख रुपये वार्षिक टर्नओवर पर पहुंच गया है। जो महिलाएं कभी एक- एक रुपये के लिए पुरुषों पर आश्रित थीं, वह आत्मनिर्भर होकर कुनबे का सहारा बनी हैं। महराजगंज महोत्सव में भी प्रदर्शित होगा हुनर आगामी 25 से 27 जनवरी तक महराजगंज में आयोजित लोकरंजन महोत्सव में भी मोहनापुर की महिलाएं अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगी। उनके बनाएं उत्पाद को यहां महोत्सव में जगह मिलेगी। विकास का मार्ग होगा प्रशस्त ज्वाला स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष रीता देवी का कहना है कि महिलाएं यदि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगी तो विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। मोहनापुर गांव की महिलाओं ने सामूहिक रूप से सिलाई का कार्य आरंभ कर नजीर पेश की है। शीघ्र ही कारोबार को और विस्तार दिया जाएगा।
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