इस गांव में दस मौतों के बाद भी नहीं पहुंची स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम Gorakhpur News
सिद्धार्थनगर जिले के नगर पंचायत शोहरतगढ़ में शामिल गांव नीबी दोहनी में लोग कोरोना के खौफ के बीच जीने को मजबूर हैं। एक महीने के अंदर एक के बाद एक दस मौतों से भयभीत हैं। जान गंवाने वालों में अधिकतर सर्दी खांसी बुखार से पीड़ित थे।
गोरखपुर, जेएनएन : सिद्धार्थनगर जिले के नगर पंचायत शोहरतगढ़ में शामिल गांव नीबी दोहनी में लोग कोरोना के खौफ के बीच जीने को मजबूर हैं। एक महीने के अंदर एक के बाद एक दस मौतों से भयभीत हैं। जान गंवाने वालों में अधिकतर सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित थे। हालांकि इनमें किसी की कोरोना जांच नहीं हुई थी। एक महिला का सीएचसी के बाहर ही तड़प कर दम निकल गया था, जिसका वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। एक महिला पाजीटिव हैं, जिनका इलाज लखनऊ में चल रहा है। गांव में अभी भी कुछ लोग बुखार से पीड़ित हैं। ग्रामीणों की माने तो अभी तक यहां स्वास्थ्य टीम नहीं पहुंची है और न ही किसी का एंटीजन व आरटीपीसीआर के लिए नमूना लिया गया है। साफ-सफाई भी नहीं हो सकी। गांव को सैनिटाइज भी अभी तक नहीं कराया गया है।
पांच हजार की आबादी वाला गांव है नीबी दोहनी
पांच हजार की आबादी वाला गांव नीबी दोहनी में लोग कोरोना के भय से जांच कराने में कतरा रहे हैं। टीकारण को लेकर भी बहुत लोग गुमराह हैं। सर्दी बुखार से पीड़ित जांच न कराकर मेडिकल स्टोर से दवा लेकर काम चला लेते हैं। गांव के राम चंद्र, मोहम्मद सहबीद्दीन, झिनकू, वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, संजय, प्रमोद पासवान, चंद्रावती, शकुंतला, बरसाती पुत्र गनी की मौत हो चुकी है। अधिकांश में कोरोना के लक्षण देखे गए थे। गांव की नीतू देवी को सर्दी, खांसी, बुखार था। दस मई को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। स्वजन एंबुलेंस से सीएचसी पहुंचाए। सीएचसी का गेट बंद रहा। उन्होंने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। गांव की आशा दुर्गावती ने बताया कि सर्वे हुआ है। सर्वे में लोग कुछ बताना नहीं चाहते हैं। सीएचसी प्रभारी डा. पंकज कुमार वर्मा का कहना है कि आशा को लगाया गया है। किसी में कोरोना लक्षण मिलने पर सूचना देने के लिए निर्देशित किया गया है। लोग जांच भी कराने से घबराते हैं। टीकाकरण में भी लोग सहयोग नहीं करते हैं, इसलिए दिक्कत हो रही है।
गांव में भेजी जाएगी टीम
सीएमओ डा. संदीप चौधरी ने कहा कि दस मौत की जानकारी नहीं थी। गांव में टीम भेजकर संदिग्ध रोगियों की जांच कराई जाएगी। लापरवाही मिली तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।
लोगों को सता रहा महामारी का भय
प्रगति पांडेय ने कहा कि गांव में लगातार आकस्मिक मौतें हो रही हैं। महामारी का भय लोगों को सता रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम आंख बंद कर बैठी हुई है। कोविड जांच टीम भी गांव नहीं पहुंची है।
लोग बाहर निकलने से भी डर रहे
सोनू महतो ने कहा कि गांव में एक के बाद एक कई मौतें हो चुकी हैं। लोग बाहर निकलने से डर रहे हैं। बावजूद इसके गांव में साफ सफाई व सैनिटाइज पर कोई विशेष ध्यान जिम्मेदार नहीं दे रहे हैं।
टीकाकरण के लिए नहीं आई कोई टीम
अभय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना का संक्रमण फैलने से गांव के लोगों में डर बना हुआ है। गांव में टीकारण के लिए कोई टीम नहीं आई है। लोग अपने से सिचसी पहुंच कर कोरोना टीका लगवा रहे हैं।
नहीं मिल रहीं हैं स्वास्थ्य सेवाएं
विशाल श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा ठीक से नहीं मिल रही है। हालांकि की गांव में बीमारों की संख्या में कुछ कमी आई है। फिर भी गांव में दवा छिड़काव व फागिंग बहुत जरूरी है।