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ये हैं गोरखपुर की गुलाबी दीदी, घर-घर जाएंगी और महिलाओं की बनेंगी हमदर्द Gorakhpur News

महिला सफाईकर्मियों को एक विशेष जैकेट दिया गया है। इस पर गुलाबी दीदी और पिंक वुमेन लिखा है। यही अब महिलाएं घर-घर जाकर इस्‍तेमाल किया हुआ सेनेटरी नैपकीन और डायपर इकट्ठा करेंगी।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 03:01 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 05:00 PM (IST)
ये हैं गोरखपुर की गुलाबी दीदी, घर-घर जाएंगी और महिलाओं की बनेंगी हमदर्द Gorakhpur News
ये हैं गोरखपुर की गुलाबी दीदी, घर-घर जाएंगी और महिलाओं की बनेंगी हमदर्द Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। प्लास्टिक पर रोक के बाद अब सेनेटरी नैपकीन और डायपर के निस्तारण पर काम शुरू हो गया है। शहर से लगायत गांव तक गुलाबी दीदी यानी पिंक वुमेन सेनेटरी नैपकीन और डायपर इकट्ठा कर इंसीनरेटर तक पहुंचाएंगी।जहां इनका निस्तारण कराया जाएगा।

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जिले में करोड़ों का कारोबार

एक अनुमान के मुताबिक जिले में तकरीबन 30 लाख महिलाएं हैं। साथ ही पांच लाख से ज्यादा ऐसी बच्चियां हैं जिनको डायपर पहनाया जाता है। कुछ बुजुर्गों को भी डायपर पहनाना पड़ता है। इसलिए सेनेटरी नैपकीन और डायपर का बाजार करोड़ों का है। इस्तेमाल के बाद सेनेटरी नैपकीन और डायपर फेंक दिया जाता है। कई जगह कूड़े के ढेर में पड़े डायपर और सेनेटरी नैपकीन में आग लगा दी जाती है। इससे उठने वाला धुआं पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाता है।

ऐसे काम करेगी गुलाबी दीदी

नगर निगम और नगर पंचायतों में काम करने वाली महिला सफाईकर्मियों को एक विशेष जैकेट दिया गया है। इस पर गुलाबी दीदी और पिंक वुमेन लिखा है। महिला कर्मियों को गुलाबी रंग का डस्टबिन, ग्लब्स और अन्य जरूरी सामान दिए गए हैं। यह महिलाएं घर-घर जाकर सेनेटरी नैपकीन और डायपर इकट्ठा करेंगी।

महिलाओं को होगी सहूलियत

गुलाबी दीदी को इस्तेमाल किया हुआ सेनेटरी नैपकीन देने में महिलाओं को कोई असुविधा भी नहीं होगी। महिलाओं की सहूलियत के लिए महिला सफाईकर्मियों को इस काम के लिए लगाया गया है।

घरेलू खतरनाक श्रेणी में है सेनेटरी नैपकीन

कचरा प्रबंधन नियम 2016 में कचरे को परिभाषित किया गया है। इसके तहत कचरे को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पहला नष्ट होने वाले, दूसरा न नष्ट होने वाले और तीसरा घरेलू खतरनाक कचरा। सेनेटरी नैपकीन और डायपर को घरेलू खतरनाक कचरा की श्रेणी में रखा गया है।

यह हैं नगर पंचायत

सहजनवां, बड़हलगंज, पिपराइच, पीपीगंज, बासगांव, गोला बाजार, मुंडेरवा बाजार, उनवल नगर पंचायतों में गुलाबी दीदी जाएंगी।

क्‍या है इस नैपकीन में

सेनेटरी नैपकीन और डायपर में प्लास्टिक व फाइबर का इस्तेमाल किया जाता है। इसे लोग फेंक देते हैं। जमीन के अंदर जाने के बाद भी प्लास्टिक और फाइबर जस की तस रहती है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है।

यहां होगा निस्‍तारण

इस संबंध में जिलाधिकारी विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा है कि 'गुलाबी दीदीÓ नगर पंचायत क्षेत्र में सेनेटरी नैपकीन, डायपर आदि घरेलू  अपशिष्ट एकत्र करेंगी। नगर पंचायतों में लगे इंसीनरेटर में इसका निस्तारण कराया जाएगा।


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