अपराध रोकने को यूपी-बिहार जीआरपी का साझा अभियान
यूपी और बिहार की रेलवे की जाीआरपी की संयुक्त बैठक हुई है। ट्रेनों में अपराध करने वालों पर अंकुश लगाया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। ट्रेनों में अपराध करने वाले बदमाशों पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश-बिहार की जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) ने साझा अभियान शुरू किया है। एक-दूसरे क्षेत्र के बदमाशों की पहचान करने के लिए सीवान रेलवे स्टेशन पर दोनों राज्यों की फोर्स का गश्त मिलान हुआ, जिसमें बदमाशों की सूची सौंपने के साथ उन्हें पकड़ने की रणनीति बनाई गई।
अपराधों की समीक्षा में यह बात सामने आई कि बिहार के बदमाश यूपी और यूपी के बदमाश बिहार में घटनाओं को अंजाम देते हैं। अपराध करने के बाद अपने राज्य में लौट जाते हैं, जिससे उन्हें पकड़ने में परेशानी होती है। इसलिए दोनों प्रदेशों की जीआरपी ने अपराधियों की सूची तैयार कर आदान-प्रदान करना तय किया है। जीआरपी गोरखपुर की सूची में 50 अपराधियों के नाम हैं। जीआरपी बिहार की सूची भी तैयार हो गयी है। एक सप्ताह पहले गोरखपुर में उत्तर प्रदेश और बिहार जीआरपी के अधिकारियों की समन्वय बैठक हुई। एसपी रेलवे गोरखपुर पुष्पांजलि देवी ने इस मामले को उठाया और उस पर सहमति बनी।
हुआ गश्त मिलान
सीवान के मैरवा रेलवे स्टेशन पर दोनों प्रदेशों का गश्त मिलान हुआ। बैठक में उत्तर प्रदेश जीआरपी के गोरखपुर, देवरिया और भटनी के थानेदार, बिहार जीआरपी के सीवान, मैरवा व छपरा के थानाध्यक्ष और आरपीएफ पोस्ट गोरखपुर के प्रभारी शामिल हुए। एसपी रेलवे गोरखपुर पुष्पांजलि देवी का कहना है कि बदमाशों पर शिकंजा कसने के लिए यूपी और बिहार जीआरपी ने साझा अभियान चलाने का निर्णय लिया है। योजना के तहत सप्ताह में एक दिन बार्डर से सटे जीआरपी थाने में दोनों फोर्स का गश्त मिलान होगा। जीआरपी थानेदार घटना का पर्दाफाश करने के लिए रणनीति बनाएंगे। रविवार से यह व्यवस्था लागू हो गयी है।