जार्डन में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे गोरखपुर के गोविंद, मुक्केबाजी की एशियन चैंपियनशिप का करेंगे प्रतिनिधित्व
जार्डन में 30 अक्टूबर से 12 नवंबर तक होने वाली एशियन चैंपियनशिप में गोरखपुर के गोविंद साहनी देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। गोविंद साहनी उत्तर प्रदेश से इकलौते खिलाड़ी हैं जो भरतीय दल में जगह बनाने में सफल रहे। वह 48 किग्रा भार वर्ग में दमखम दिखाते हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण एक तरफ जहां लोगों के लिए परेशानी लेकर आया तो कुछ के लिए इसने अवसर का भी काम किया। इस दौरान जब लाकडाउन की वजह से लोग घरों में थे तब गोविंद खाली सड़क पर संघर्ष की कहानी बुन रहा था। ऐसी ही कई सड़क और खाली प्लाटों में ट्रेनिंग कर गोविंद साहनी मुक्केबाजी में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चैंपियन बनकर देश के लिए कई पदक जीते। अब वह जार्डन में 30 अक्टूबर से 12 नवंबर तक होने वाली एशियन चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनकी उपलब्धि पर गोरखपुर के खिलाड़ियों में जहां हर्ष है वहीं काेच सुजीत गौतम ने कहा कि हमें अपने शिष्य पर नाज है।
48 किग्रा में पंच जड़ते हैं गोविंद
इस चैंपियनशिप के लिए गोरखपुर निवासी गोविंद साहनी उत्तर प्रदेश से इकलौते खिलाड़ी हैं जो भरतीय दल में जगह बनाने में सफल रहे। वह 48 किग्रा भार वर्ग में दमखम दिखाते हैं। इस चैंपियनशिप में 48 देशों के मुक्केबाज प्रतिभाग कर रहे हैं। संघर्ष के दिनों के साथी खिलाड़ी विजय प्रताप सिंह बताते हैं कि गोविंद ने अक्टूबर 2021 में सर्बिया में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, पर कोई पदक हाथ नहीं लगा। उसके बाद ही गोविंद ने प्रण कर लिया था कि देश के लिए खेलने का जब भी मौका मिलेगा, हम जरूर जीतेंगे। तभी से उसने अभ्यास का समय बढ़ा दिया। गोविंद कहते हैं कि बड़ी चैंपियनशिप के ट्रायल से एक माह पहले अपनी प्रैक्टिस तीन से चार घंटे बढ़ा देता हूं। कई-कई बार तो ऐसा हुआ है कि अभ्यास करने का समय कम न हो इसके लिए नींद का भी त्याग कर दिया था।
रीजनल स्टेडियम से सीखा बाक्सिंग का ककहरा
वर्ष 2008 से प्रैक्टिस की शुरुआत करने वाले गोविंद ने बाक्सिंग का ककहरा रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम गोरखपुर से सीखा है। वर्ष 2012-15 तक मेरठ स्पोर्ट्स हास्टल में चयन हुआ। उसके बाद 2018-19 में लखनऊ साई सेंटर में से प्रशिक्षण हासिल किया।
लखनऊ में अभ्यास कर पाया मुकाम
गोविंद साहनी मूलरूप से गोरखपुर के रहने वाले हैं। पिता संतलाल साहनी किसान और मां गायत्री गृहिणी हैं। गोविंद का रुझान खेल के प्रति बड़े भाई सुनील और अनिल साहनी को देखकर हुआ। मगर घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से दोनों ही भाइयों ने खेल को छोड़कर नौकरी करनी शुरू कर दी। छोटे भाई गोविंद का सपना कामयाब हो इसलिए उसे हर संभव मदद की।
गोविंद की उपलब्धियां
कनार्टक में पुरुष एलीट राष्ट्रीय बाक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
थाइलैंड में ओपन इंटरनेशनल बाक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
वियतनाम में ओपन इंटरनेशनल बाक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
कजाकिस्तान में ओपन इंटरनेशनल बाक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक
इसके अलावा फिनलैंड, पोलैंड, रशिया के साथ भारत में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर की बाक्सिंग प्रतियोगिता में भी पदक हासिल किया है
वर्ष 2011-2017 तक राज्यस्तरीय बाक्सिंग में हर बार पदक
स्कूल स्टेट और ओपेन स्टेट में तकरीबन 15 पदक हासिल कर चुके हैं। गोविंद ने रीजनल स्टेडियम में मेरे निर्देशन में बाक्सिंग का ककहरा सीखा। आज मुझे गर्व है कि वह गोरखपुर ही नहीं देश व प्रदेश का नाम दुनिया में रोशन कर रहा है। हमें उम्मीद है नहीं पूर्ण विश्वास है कि कि वह इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल लेकर लौटेगा और तमाम युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा। - सुजीत कुमार गौतम, कोच, बाक्सिंग।