गोरखपुर पहुंची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में हुईं शामिल Gorakhpur News
आनंदीबेन पटेल डीडीयू व एमएमटीयू विवि के कुलपतियों के साथ आधे-आधे घंटे विवि में बैठक करेंगी। बैठक में शिक्षा में सुधार को लेकर केंद्र सरकार के विजन के बारे में चर्चा होगी।
गोरखपुर, जेएनएन। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का बुधवार को गोरखपुर पहुंच गई हैं। वह साढ़े सात घंटे शहर में रहेंगी। कुलाधिपति दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर में आयोजित दीक्षा समारोह में शामिल होने के लिए मौजूद हैं। इसके उपरांत दो बजे से 2.30 बजे तक गोरखपुर पढ़े के संबंध में बैठक करने के पश्चात 2.30 बजे से 3 बजे तक एनजीओ रेडक्रास एवं एसोसिएशन रोटरी क्लब के संबंध में बैठक करेंगी।
केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रस्तुतीकरण
राज्यपाल 3 से 4 बजे तक केंद्र सरकार की योजनाओं की प्रस्तुतीकरण देखने के बाद 4 बजे से 4.30 बजे तक दीनदयाल उपाध्याय अकादमिक काउंसिल सदस्य, कार्यकारी परिषद और वित्त समिति की बैठक करने के उपरांत 4.30 से 5 बजे तक मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अकादमिक काउंसिल सदस्य, कार्यकारी परिषद और वित्त समिति की बैठक मेें शामिल होंगी। इसके उपरांत लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगी।
यहां होगा पौधारोपण, कुलाधिपति वाटिका होगा नाम
राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल दीक्षा भवन स्थित पार्क में आंवले का पेड़ लगाएंगी। विवि प्रशासन ने पार्क की रंगाई-पोताई कर तैयार कर दिया है। पार्क का नाम कुलाधिपति वाटिका होगा।
कुलपति प्रो.विजय कृष्ण सिंह ने बताया कि दीक्षा समारोह के साथ-साथ पौधारोपण स्थल की तैयारी पूरी कर ली गई है। पार्क में कुलाधिपति द्वारा प्रति वर्ष दीक्षा समारोह के दौरान मध्यम किस्म के पौधे लगाएं जाएंगे। प्रति वर्ष इनकी प्रजापति अलग-अलग होगी। यही कारण है कि इस पार्क का नाम कुलाधिपति वाटिका होगा। प्रो.सिंह ने बताया कि बुधवार को दीक्षा समारोह के दौरान कुलाधिपति गार्ड आफ आनर के बाद पौधारोपण करेंगी।
डीडीयू और एमएमयू के कुलपति के साथ अलग-अलग करेंगी बैठक
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल डीडीयू व एमएमटीयू विवि के कुलपतियों के साथ आधे-आधे घंटे विवि में बैठक करेंगी। बैठक में वह शिक्षा में सुधार को लेकर केंद्र सरकार के विजन के बारे में विस्तार से चर्चा करने के साथ ही विश्वविद्यालय में पठन-पाठन में सुधार को लेकर उठाए जा रहे कदम पर भी चर्चा करेंगी। कुलाधिपति का खास जोर विश्वविद्यालयों में होने वाले शोध और इसको लेकर बेहतरी पर रहेगा।