थोड़ा सा इंतजार और, राजधानी जैसा नजर आएगा गोरखपुर
योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर का तेजी से विकास हो रहा है। शहर में अब विकास दिखने लगा है। सभी कार्य यदि मूर्त रूप ले पाए तो गोरखपुर की दशा बदल जाएगी।
प्रदीप श्रीवास्तव, गोरखपुर। वर्षों से विकास की उम्मीद लगाए गोरखपुवासी योगी आदित्यनाथ के यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद काफी आशांवित थे। समय के साथ उनकी उम्मीदें अब परवान चढ़ने लगी और अब काफी हद तक यह उम्मीदें अब पूरी होती भी दिख रही हैं। शहर का नजारा अभी से बदला-बदला दिख रहा है। 2014 के लोक सभा चुनाव के समय गोरखपुर में जनसभा में नरेन्द्र मोदी ने पूर्वांचल की दशा बदलने की बात कही थी। उस समय लोगों को यह चुनावी भाषण लगा था लेकिन केंद्र में भाजपा की सरकार बनने और नरेंद्र मोदीे के पीएम बनने के बाद गोरखपुर की दशा बदलनी शुरू हो गई। इसके बाद जब यूपी विधान सभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ को सूबे की कमान मिली तो गोरखपुर को लेकर लोगों द्वारा देखे गए सपने धरातल पर उतरने लगे।
वर्तमान में गोरखपुर में हो रहे विकास कार्यों को देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में गोरखपुर लखनऊ को टक्कर देखा। शहर में एम्स, फर्टिलाइजर, मिनी सचिवालय, शहर के बीच से होकर गुजरने वाले तीन-तीन फोरलेन यहां के विकास की कहानी स्वत: बयां कर रहे हैं।
एम्स से बदलेगी स्वास्थ्य सेवा की तस्वीर
2014 के लोकसभा चुनावों के पूर्व गोरखपुर में एम्स की स्थापना के बारे में शायद ही किसी ने कल्पना की हो। 2014 में गोरखपुर में सभा में नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर में एम्स व फर्टिलाइजर की स्थापना की बात की थी। चुनाव में भाजपा की जीत हुई, नरेंद्र मोदी पीएम बने और गोरखपुर में एक्स का काम शुरू हो गया। उम्मीद की जा रही है कि एम्स की ओपीडी इस साल शुरू हो जाएगी। इसके निर्माण पर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होगा। इसमें 750 बेड होंगे और 150 आपरेशन थियेटर होंगे। एम्स का निर्माण होने के बाद गोरखपुर के लोगो को गंभीर रोगों के इलाज के लिए लखनऊ और गोरखपुर जाने से मुक्ति मिलेगी।
मेडिकल कालेज का कायाकल्प
दस साल पहले तक बीआरडी मेडिकल कालेज को लेकर लोगों का एक ही मुद्दा होता था कि वहां चिकित्सकों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि एमसीआई (मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया) मेडिकल कालेज की मान्यता रद न कर दे। योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद मेडिकल कालेज में चिकित्सकों की कमी दूर की। यही नहीं बीआरडी मेडिकल कालेज में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बन कर तैयार है। इसमें सिविल वर्क करीब-करीब पूरा हो चुका है। अधिकारियों की पूरी तैयारी है कि नए साल के पहले महीने में अस्पताल का लाभ मरीजों को मिलने लगे। जो आठ सुपर स्पेशलिटी विभाग खोले जाने में हैं, उनमें कार्डियोलॉजी, कोर्डियोथोरेसिक सर्जरी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, कैंसर के मरीजों के लिए आंकोसर्जरी, गैस्ट्रोलॉजी, यूरोलॉजी व ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन हैं। इसके अलावा दस मंजिल वाला पांच सौ बेड के सुपर स्पेशलिटी बाल चिकित्सा संस्थान के निर्माण काम भी तेजी से चल रहा है। इसमें सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है। इसी साल इसमें भी इलाज शुरू हो जाएगा।
चीनी मिल की भी सौगात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बीते 16 अक्टूबर को 384.66 करोड़ रुपये की लागत से पिपराइच में नई चीनी मिल परियोजना की आधारशिला रखी गई थी। मिल नए साल में तैयार हो जाएगी। मिल में डिस्टलरी व पावर प्लांट का भी निर्माण होगा। विदित हो कि कार्यदायी संस्था द्वारा निर्माण कार्य अप्रैल 2018 में प्रारंभ की गई थी, तब से निर्माण अनवरत चल रहा है। सरकार किसानों के लिए इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लोकार्पण लोकसभा चुनाव के पहले हर हाल में करना चाहती है। चीनी मिल को इसी पेराई सत्र में चलाने के लिए मुख्यमंत्री इतने गंभीर हैं कि उन्होंने 17 नवंबर18 को स्वयं निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था तथा प्रेस कांफ्रेंस कर घोषणा की थी कि मार्च 2019 से पहले मिल से पेराई शुरू कर दी जाएगी। मिल का निर्माण रिठियां गांव में 51 एकड़ भूमि पर जोर शोर से किया जा रहा है।
मिल की पेराई क्षमता प्रतिदिन 50 हजार क्विंटल गन्ने की है। परिक्षेत्र में लगभग 90 लाख क्विंटल गन्ने की आवश्यकता होगी। इसे लेकर क्षेत्र के किसानों में अभी से खुशी दिख रही है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राज्य चीनी व गन्ना विकास निगम लिमिटेड द्वारा स्थापित इस ईकाई में 27 मेगावाट बिजली पैदा होगी। शराब डिस्टलरी भी स्थापित होगा। मिल बनने से किसानों, नौजवानों व व्यापारियों में अभी से खुशी है कि एक बार फिर पिपराइच क्षेत्र की रौनक बढ़ जाएगी। चीनी मिल के महाप्रबंधक अंबिका प्रसाद ने पूछे जाने पर कहा कि मिल का कार्य निरंतर प्रगति पर है। मार्च में पेराई शुरू हो सकेगा।
रेलवे भी तैयार, गोरखपुर में ही होगी इलेक्ट्रिक इंजनों का मरम्मत
पूर्वोत्तर रेलवे के इलेक्ट्रिक इंजनों का मरम्मत और रखरखाव गोरखपुर में ही हो जाएगा। इसके लिए नंदानगर क्रासिंग के पास सौ क्षमता का एसी इलेक्ट्रिक लोको शेड तैयार किया जा रहा है। 15 जनवरी तक यह प्राथमिक स्तर पर तैयार कर लिया जाएगा। अप्रैल में यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। इसके अलावा हैंगिंग मल्टीपरपज हाल भी बनकर तैयार है। इससे उत्तरी द्वार से होकर रेलवे स्टेशन जाने वाले लोगों को ट्रेन का इंतजार भारी नहीं पड़ेगा। उन्हें प्लेटफार्म नंबर नौ पर ही सारी सुविधाएं मिल जाएंगी। इसके लिए रेलवे प्रशासन प्लेटफार्म नंबर नौ के कैब-वे पर हैंगिंग मल्टीपरपज का निर्माण कर रहा है। मार्च तक यह बनकर तैयार हो जाएगा। इस हाल में चाय-नाश्ता के अलावा ट्रेनों की जानकारी भी मिलती रहेगी।
रेलवे इसकी भी कर रहा तैयारी
- गोरखपुर से दिल्ली के बीच चलेंगी महत्वपूर्ण तेज और दुरंतो ट्रेनें।
- गोरखपुर कैंट से पनियहवां तक इलेक्ट्रिक इंजन से चलेंगी ट्रेनें।
- डोमिनगढ़-गोरखपुरे-गोरखपुर कैंट के बीच बिछ जाएगी तीसरी लाइन।
- गोरखपुर जंक्शन से नकहा जंगल तक बिछ जाएगी दूसरी रेल लाइन।
- रेलवे स्टेशन के तीनों फुट ओवरब्रिज आपस में जुड़ जाएंगे।
- रेलवे स्टेशन के समस्त रिटायरिंग रूम होटल की तरह बनेंगे।
- पूर्वांचल की विरासत को समेटे बनेंगे गेट और स्टेशन परिसर।
- चारो तरफ से पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा गोरखपुर स्टेशन।
नगर निगम ने भी कसी कमर
नगर निगम ने महानगर को स्वच्छ, बेसहारा पशुओं से छुटकारा और जाम से मुक्त से मुक्त रखने के लिए नगर निगम ने योजनाएं तैयार की है। निगम ने सभी घरों तक स्वच्छ जल, पार्किंग, नए प्वाइंटों पर पथ की व्यवस्था सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा दो वार्डों के बीच मोहल्ला क्लीनिक खोला जाएगा जिसमें डॉक्टर समेत सारी सुविधाएं मौजूद रहेंगी। यहां इलाज के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा शहर के प्रत्येक दो वार्डों के बीच में मोहल्ला क्लीनिक की स्थापना, महेसरा और सुभाषचंद्र बोस नगर में मिनी फारेस्ट की स्थापना, शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सीवरेज लाइन (एचटीपी) का निर्माण, आधुनिक शवदागृह का निर्माण, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना, आठ हजार नए प्वाइंटों पर पथ प्रकाश की व्यवस्था भी नगर निगम करने जा रहा है।
यह कार्य भी बदलेंगे शहर की सूरत
- सर्किट हाउस में परिसर में निर्माणाधीन एनेक्सी भवन तैयार हो जाएगा। यहां वीआइपी कार्यक्रम, सरकारी बैठकें होंगी।
- प्रेक्षागृह जनता को सुपुर्द किया जाएगा। आडिटोरियम, मीडिया सेंटर जैसी कई सुविधाएं यहां मौजूद होंगी।
- शहरवासियों को नुमाइश ग्राउंड का भी तोहफा मिलेगा। झील के किनारे बन रहा यह मैदान प्रदर्शनी, रैली, खेलकूद और पार्क के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
- कलेक्ट्रेट के नए भवन का शिलान्यास करके इसका निर्माण कार्य शुरू होगा। इस दौरान कलेक्ट्रेट दूसरे सरकारी भवन में शिफ्ट होगा।
- सभी सरकारी कार्यालय डीजिटाइजेशन की राह पर हैं। दफ्तरों को पेपरलेस बनाने के लिए कलेक्ट्रेट के साथ सभी दफ्तरों को आनलाइन जोड़ा जाएगा।
- रामगढ़ ताल में वाटर स्पोर्टस का सपना इस वर्ष पूरा हो सकता है। शासन ने इसके लिए धन उपलब्ध करा दिया है और जमीन का रोड़ा भी दूर हो गया है।
- राम प्रसाद बिस्मिल और चौरीचौरा का शहीद स्थल समेत शहर की नौ आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासतों को चमकाने का कार्य इस वर्ष पूरा होने की उम्मीद है।
- पूर्वी उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक धरोहरों को संजोने के लिए गोरखनाथ मंदिर परिसर में बनाए जाने वाले गुरु गोरक्षनाथ संग्रहालय का निर्माण कार्य शुरू होगा।
- शहर के प्राचीन रामलीला मैदानों को संरक्षित कर सुंदर बनाया जाएगा। मानसरोवर और बर्डघाट रामलीला मैदान के संरक्षण और सुंदरीकरण का कार्य इस वर्ष पूरा होगा।
- लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए मल्टी लेवल पार्किंग की सौगात मिल सकती है। जलकल भवन में स्थान चिन्हित करके इसके लिए कार्य शुरू हो गया है।
बीेच शहर से फोरलेन और एयरपोर्ट मार्ग पर अंडरपास
गोरखपुर शहर से एयरपोर्ट जाने में लोगों के पसीने छूटते थे। एयरपोर्ट जाते समय यदि नंदानगर रेलवे क्रासिंग बंद हुई तो वह कब खुलेगी इसका कोई अंदाजा नहीं रहता था। क्रासिंग बंद रहने के कारण कई बार तो लोगों की फ्लाइट छूट जाती थी। योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद इस समस्या का समाधान हुआ। नंदानगर क्रासिंग पर अंडरपास बन गया और अब बेरोक टोक के यहां से एयरपोर्ट तक वाहन फर्राटा भरते हैं।
गोरखपुर में कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि बीच शहर से होकर फोरलेन गुजरेगा। शहर के बीचोबीच दो-दो फोरलेन बनना शुरू हो चुका है। गोरखनाथ मंदिर और मेडिकल रोड क्षेत्र की दशा बदलने जा रही है। मेडिकल रोड पर तो शहर के अंदर तक फोरलेन आ चुकी है। गोरखनाथ मंदिर की तरफ भी शीघ्र फोरलेन का निर्माण शुरू होने जा रहा है।
(सभी फोटो - संगम दूबे)