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गोरखपुर को मार्च से पहले मिलेगा इंटीग्रेटेड भवन का तोहफा Gorakhpur News

इंटीग्रेटेड भवन के प्रशासनिक भवनों के निर्माण पर 40 करोड़ व पुलिस विभाग के भवन पर 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पुलिस विभाग का बजट गृह विभाग से मिलेगा।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 08:30 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 08:30 PM (IST)
गोरखपुर को मार्च से पहले मिलेगा इंटीग्रेटेड भवन का तोहफा Gorakhpur News
गोरखपुर को मार्च से पहले मिलेगा इंटीग्रेटेड भवन का तोहफा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कलेक्ट्रेट परिसर में बनने वाले इंटीग्रेटेड भवन की फाइल वित्त विभाग में स्वीकृति के लिए पहुंच गई है। वित्त विभाग से अनुमोदन के बाद इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा। इंटीग्रेटेड भवन के प्रशासनिक भवनों के निर्माण पर 40 करोड़ व पुलिस विभाग के भवन पर 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पुलिस विभाग का बजट गृह विभाग से मिलेगा जबकि प्रशासनिक भवन का बजट राजस्व परिषद से अनुमोदित होकर वित्त विभाग में भेजा गया है।

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सिविल कार्य पर खर्च होंगे 40 करोड़

लोक निर्माण विभाग ने भवन के निर्माण के लिए लगभग 54 करोड़ (जीएसटी व लेबर सेस समेत अन्य व्यय) का आगणन (इस्टीमेट) भेजा है। इसमें सिविल वर्क पर 40.4 करोड़ व बिजली कार्य के लिए 2.35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कैंपस में 83 लाख रुपये की लागत से सीसी रोड़ बनाई जाएगी। भवन के सामने व दाहिने हिस्से की बाउंड्री पर 25.81 लाख रुपये खर्च होंगे।

पूरी तरह पेपरलेस होगा विभाग

इंटीग्रेटेड भवन पूरी तरह से पेपरलेस होगा। भवन के प्रथम तल पर दाहिने ओर जिलाधिकारी कार्यालय व बाएं ओर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय होगा। दोनों कार्यालयों के बीच में एक गैलरी होगी। इसी तल पर एक मीटिंग हाल व सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था रहेगी। सभी जनपदीय अधिकारियों के एक साथ बैठने से जनता को अनावश्यक भागदौड़ से निजात मिलेगी। परिसर में स्टिल्ट (जमीन के ऊपर इमारत को सहारा देने वाला खंभा) तल के अलावा तीन तल और बनाए जाएंगे जिसमें पार्किंग के साथ लिफ्ट की भी व्यवस्था रहेगी।

100 गाडिय़ों के पार्किंग की रहेगी व्यवस्था

जिला प्रशासन के मुताबिक अत्याधुनिक भूकंपरोधी बिल्डिंग के स्टिल्ट तल पर लगभग 100 गाडिय़ों के पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। पार्किंग से तीनों तल पर जाने के लिए लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी। प्रथम तल पर जिलाधिकारी व एसएसपी कार्यालय रहेंगे। द्वितीय तल पर डीएम के लिए एक कोर्ट के साथ छह अन्य कोर्ट भी बनाए जाएंगे। इसी तल पर पुलिस अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था रहेगी। दोनों तल पर टायलेट (महिला-पुरुष) की सुविधा रहेगी। तृतीय तल पर मालखाना, रेवेन्यू रिकार्ड रूम, बैरक, लाइब्रेरी, भूमि अध्याप्ति अधिकारी कक्ष, स्ट्रांग रूम, न्यायिक रिकार्ड रूम, स्टेशनरी रूम के अलावा दो किचन व टायलेट बनाया जाएगा।

दिव्‍यांगों के जाने के लिए अलग से होगी व्‍यवस्‍था

इस संबंध में जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पाण्डियन का कहना है कि इंटीग्रेटेड भवन पूरी तरह पेपरलेस होगा। इसमें दिव्यांगों के आने-जाने के लिए अलग से व्यवस्था होगी। आवेदक के पास एक कोड होगा जिसके जरिये वह अपनी फाइल की वास्तविक स्थिति का पता लगा सकेगा। सभी फाइलें स्कैन होकर कंप्यूटर में सुरक्षित रखी जाएंगी। भवन का डीपीआर वित्त विभाग में पहुंच गया है। पुलिस विभाग की फाइल भी गृह विभाग को भेजी जा रही है। इसी वित्तीय सत्र में बजट का आवंटन करा लिया जाएगा। 


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