गोरख्पुर, जेएनएन। बादलों की मौजदूगी के बीच रह-रह कर निकल रही चमकीली धूप ने गोरखपुर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में उसम भरी गर्मी बढ़ा दी है। इसके चलते तापमान में हो रही बढ़ोत्तरी ने लोगों को बेचैन कर दिया है। मौसम विशेषज्ञ के अनुसार बारिश की वायुमंडलीय परिस्थितियां बनी हुई हैं। ऐसे में वह गर्मी से राहत के लिए बारिश की उम्मीद का पूर्वानुमान जता रहे हैं।
मौसम विशेषज्ञ राहत के लिए जता रहे बारिश का पूर्वानुमान
गोरखपुर इन्वायरमेंटर एक्शन ग्रुप के मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय के मुताबिक दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर दक्षिणी-पूर्व उत्तर प्रदेश होते हुए बंगाल की खाड़ी तक एक हवा के कम दबाव की पट्टी बनी हुई है। इसके अलावा उत्तर बिहार से लेकर बंगाल की खाड़ी तक एक निम्न वायुदाब क्षेत्र बना हुआ है। उड़ीसा के तटीय क्षेत्र के ऊपरी हवाओं में एक चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र भी बन गया है। ऐसे में शुक्रवार से लेकर शनिवार तक गोरखपुर परिक्षेत्र के 80 फीसद क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान है। तराई के जिलों में भारी वर्षा भी हो सकती है। मौसम विशेषज्ञ ने गर्मी बढ़ने की वजह हीट इंडेक्स का बढ़ना बताया। उन्होंने बताया कि पुरवा हवाएं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी लेकर आ रही हैं। ऐसे में रह-रह कर निकल रही धूप को नमी का साथ मिलने से हीड इंडेक्स बढ़ जा रहा है। इसकी वजह से रिकार्ड तापमान से आठ से दस डिग्री सेल्सियस अधिक की गर्मी का एहसास हो रहा है। यानी 32 डिग्री अधिकतम तापमान पर 40 डिग्री सेल्सियस की गर्मी का एहसास लोगों को बेचैन कर दे रहा है।
सरय खतरे के निशान से 59 सेमी ऊपर, राप्ती 49 सेमी नीचे
गोरखपुर मेें पिछले 48 घंटे में सरयू नदी के जलस्तर में रिकार्ड 51 सेमी की बढ़ोत्तरी हुई है। सरयू खतरे के निशान से 59 सेमी ऊपर बह रही है। नदी के चढ़ाव के क्रम को देखते हुए सिंचाई विभाग ने सभी तटबंधों की निगरानी तेज कर दी है। राप्ती नदी के बढ़ने का भी क्रम जारी हो गया है। हालांकि राप्ती अभी भी खतरे के निशान (74.98 मीटर) से 49 सेमी नीचे बह रही है। एहतिहात के तौर पर चोरमा रेग्युलेटर व तरकुलानी रेग्युलेटर को बंद करने का निर्देश दिया गया है। अयोध्या पुल पर खतरे का निशान 92.73 मीटर है। मंगलवार को सरयू का जल स्तर 92.81 मीटर था जो बुधवार को रात्रि आठ बजे 93.24 मीटर पर पहुंच गया। पानी बढ़ने का क्रम गुरुवार को जारी रहा और सरयू नदी का जल स्तर आठ सेमी बढ़कर 93.32 मीटर पर पहुंच गया। सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड-दो के अधिशासी अभियंता रूपेश खरे बताते हैं कि नदी में पानी बढ़ने से कोई विशेष खतरा नहीं है क्योंकि एक सप्ताह पूर्व ही नदी खतरे के निशान से 78 सेमी ऊपर जा चुकी है ऐसी स्थिति में अगर पानी इससे ऊपर बढ़ता है तो तटबंधों के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है, अन्यथा इससेे कम पानी रहने पर कोई खतरा नहीं है। सरयू के जल स्तर में बढ़ोत्तरी के कारण राप्ती का भी जल स्तर बढ़ने लगा है। राप्ती नदी 14 जुलाई से लगभग तीन सप्ताह तक खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर रही है। इसके बाद नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया था। गुरुवार को बर्डघाट पर राप्ती का जल स्तर 74.49 मीटर था।
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