Monsoon Update: इस बार भी राहत देगा मानसून, औसत दो प्रतिशत अधिक होगी बारिश
Gorakhpur Weather News गोरखपुर में इस वर्ष समय से पहले ही भीषण गर्मी झेलने वाले लोगों को इस वर्ष मानसून काफी राहत देने वाला है। इस वर्ष अच्छी बारिश का पूर्वानुमान है। गोरखपुर में औसत वर्षा की तुलना में इस वर्ष दो प्रतिशत अधिक बारिश हो सकती है।
गोरखपुर, जितेन्द्र पाण्डेय। Monsoon News 2000: मार्च से ही भीषण गर्मी की मार झेल रहे लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है। मौसम विशेषज्ञ ने इस वर्ष मानसून सीजन में अच्छी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। गोरखपुर जिले में औसत वर्षा की तुलना में इस वर्ष मानसून सीजन में दो प्रतिशत अधिक बारिश हो सकती है।
पिछले वर्ष मानसून सीजन में हुई थी 1236.8 मिमी वर्षा
मौसम विशेषज्ञ कैलाश पाण्डेय ने बताया कि मानूसन सीजन (1 जून से लेकर 30 सितंबर तक) की औसत वर्षा 1137.2 मिलीमीटर है। इसकी तुलना में इस वर्ष 1165.3 मिलीमीटर बारिश की संभावना है। सर्वाधिक वर्षा जुलाई माह 378.9 मिलीमीटर हो सकती है। सबसे कम बारिश जून में 199.2 मिलीमीटर हो सकती है, लेकिन यह भी उस माह की औसत वर्षा से अधिक है।
जानिए किस माह कितनी बारिश की है संभावना
माह औसत वर्षा संभावित वर्षा
जून 188.5 199.2
जुलाई 383.4 378.9
अगस्त 339.5 343.5
सितंबर 228.8 243.7
वर्षा मिलीमीटर में।
पिछले वर्ष मई में ही हो गई थी 347 मिलीमीटर वर्षा
वर्ष 2021 में भी औसत से अधिक वर्षा हुई थी। मई 2021 में ही 347 मिलीमीटर वर्षा हो गई थी। मानसून सीजन में पिछले वर्ष गोरखपुर-बस्ती मंडल में सर्वाधिक बारिश महराजगंज में हुई थी। गोरखपुर जिले कुल 1236.8 मिलीमीटर व महराजगंज जिले में कुल 1329.9 मिलीमीटर बारिश हुई थी।
पिछले वर्ष मानसून सीजन में कहां कितनी हुई बारिश (वर्षा मिलीमीटर में)
जिला - वर्षा
गोरखपुर 1236.8
महराजगंज 1329.9
देवरिया 1047.3
कुशीनगर 936.8
बस्ती 1002.3
सिद्धार्थनगर 1070
समय पर बरसे मेघ तो किसानों को होगा भारी लाभ
प्रचंड गर्मी के चलते इस वर्ष किसानों को भी भारी मेहनत करनी पड़ रही है। बारिश मानसून सीजन में यदि समय पर हुई तो जिले के किसानों को भी इसका बड़ा लाभ मिलेगा। उन्हें फसलों की सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी। लाखों रुपये की बचत होगी।
इस वर्ष अच्छी बारिश की उम्मीद है। औसत वर्षा से पांच प्रतिशत कम या पांच प्रतिशत अधिक बारिश को सामान्य वर्षा कहा जाता है। इस बार भी सामान्य बारिश के आसार हैं। - कैलाश पाण्डेय, मौसम विशेषज्ञ।