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Gorakhpur Weather: पारा न्‍यूनतम से नीचे पहुंचा, रात में बढ़ेगी ठंड

मौसम विशेषज्ञ कैलाश पाण्‍डेय ने बताया कि शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान 33 डिग्री के करीब व न्‍यूनतम 17 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने का पूर्वानुमान है। मौसम पूरी तरह साफ रहेगा। मौसम विशेषज्ञ ने कहा आगे ठंड बढ़ेगी।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 09:37 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 09:37 AM (IST)
Gorakhpur Weather: पारा न्‍यूनतम से नीचे पहुंचा, रात में बढ़ेगी ठंड
गोरखपुर में शनिवार को मौसम का दृश्‍य।

गोरखपुर, जेएनएन। अक्‍टूबर माह में 30 दिन बीतने के बाद भी पारा अक्‍टूबर माह के औसत अधिकतम तापमान से करीब एक डिग्री अधिक है। जबकि औसत न्‍यूनतम तापमान से चार डिग्री नीचे है। अक्‍टूबर माह का औसत न्‍यूनतम तापमान 20.9 डिग्री सेल्सियस है। अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस है। शुक्रवार को दिन अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस रहा। यह अक्‍टूबर माह के औसत अधिकतम तापमान से करीब एक डिग्री अधिक है, जबकि न्‍यूनतम तापमान 16.9 डिग्री सेल्सियस रहा। यह अक्‍टूबर माह के औसत न्‍यूनतम तापमान से चार डिग्री कम है।

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मौसम विशेषज्ञ कैलाश पाण्‍डेय ने बताया कि शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान 33 डिग्री के करीब व न्‍यूनतम 17 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने का पूर्वानुमान है। मौसम पूरी तरह साफ रहेगा। मौसम विशेषज्ञ ने शुक्रवार के लिए पुर्वानुमान जताया था कि दिन का अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस व न्‍यूनतम 18 डिग्री सेल्सियस के करीब रहेगा। शुक्रवार का अधिकतम तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस व न्‍यूनतम 16.9 डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता अधिकतम 79 व न्‍यूनतम 49 फीसद रही।

पिछले छह दिनों का न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में)

रविवार 16.8

सोमवार 17

मंगलवार 16.8

बुधवार 17.2

गुरुवार  17.5

शुक्रवार  16.9

बढ़ते प्रदूषण के चलते दिख रहा वायुमंडलीय परिवर्तिन

मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि प्रदूषण बढऩे के कारण लोगों को इस समय वायुमंडलीय परिवर्तन देखने को मिल रहा है। सितंबर माह में औसत से अधिक वर्षा होने के कारण वातावरण में नमी है। इसके चलते सुबह नमी रह रही है। उन्होंने उद्योगों के चालू होने व वाहनों के अधिकाधिक प्रयोग होने से प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है। बुधवार शाम पांच बजे का वायु शुद्धता सूचकांक 143 माइक्रो ग्राम घन मीटर रहा। इस स्थिति में बुजुर्ग, बच्चे, हृदय रोगी को सांस लेने में थोड़ी तकलीफ होगी। फेफड़ों के लिए यह हवा शुद्ध नहीं है।


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