Gorakhpur Weather: पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून अपने रंग में, छिटपुट बारिश जारी
Gorakhpur Weather मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर झारखंड बिहार होते हुए उत्तर-पश्चिम बंगाल तक एक निम्न वायुदाब क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा झारखंड की ऊपरी हवाओं में एक चक्रवातीय हवा का क्षेत्र भी बरकरार है।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून अपने रंग में है। आसमान में बादल जमे हुए हैं। रह-रह कर बारिश का सिलसिला जारी है। चूंकि इसे लेकर वायुमंडलीय परिस्थितियां अभी भी बनी हुई हैं, इसलिए धूप और बादलों के हावी रहने और रुक-रुक कर बारिश होते रहने का पूर्वानुमान मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय जता रहे हैं। मौसम विशेषज्ञ अनुसार यह क्रम अभी दो से तीन दिन तक जारी रहेगा। शुक्रवार की रात में करीब पांच मिलीमीटर बारिश गोरखपुर में रिकार्ड की गई। बारिश होने की संभावना अभी भी बनी हुई है;
मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर झारखंड, बिहार होते हुए उत्तर-पश्चिम बंगाल तक एक निम्न वायुदाब क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा झारखंड की ऊपरी हवाओं में एक चक्रवातीय हवा का क्षेत्र भी बरकरार है। दोनों मिलकर गोरखपुर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश का माहौल बनाए हुए हैं। चूंकि अभी यह वायुमंडलीय परिस्थितयां दो से तीन दिन तक बनी रहेंगी, ऐसे में गरज-चमक के साथ रुक-रुक कर बारिश का क्रम भी दो से तीन दिन जारी रहने के आसार हैं। मौसम विशेषज्ञ बता रहे हैं कि जम्मू के ऊपर एक पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हो रहा है। जब वह तिब्बत की ओर से बढ़ेगा तो वह बारिश के सिलसिले को बढ़ाएगा। पश्चिमी विक्षोभ के चलते नेपाल के तराई क्षेत्रों महराजगंज और सिद्धार्थनगर में इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। वहां भारी बारिश हो सकती है।
उमस के बीच पुरवा हवाएं दे रहीं राहत
बादल और धूप की रस्साकसी में गोरखपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों का हीट इंडेक्स बढ़ जा रहा है। इसके चलते तापमान कम होने पर भी लोगों को उसके अधिक होने का अहसास हो रहा है। हीट इंडेक्स ही उमस भरी गर्मी की वजह बन रहा है। हालांकि रह-रह कर चल रही पुरवा हवाओं से लोगोें को राहत मिल रही है। मौसम विभाग के पैमाने पर शुक्रवार का अधिकतम तापमान 30.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया और शनिवार की सुबह न्यूनतम तापमान का आंकड़ा 25.2 डिग्री सेल्सियस पर टिका रहा। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक तापमान की कमोबेस यही स्थिति अगले दो-तीन भी बनी रहेगी।