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RET 2021: गोरखपुर विश्वविद्यालय में 27 तक सितंबर तक आनलाइन कर सकेंगे आवेदन

Research Eligibility Test-2021 डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय ने शोध पात्रता परीक्षा-2021 में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन की समय सीमा को 27 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी है। इच्‍छुक अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 09:08 AM (IST)
RET 2021: गोरखपुर विश्वविद्यालय में 27 तक सितंबर तक आनलाइन कर सकेंगे आवेदन
गोरखपुर विश्वविद्यालय ने शोध पात्रता परीक्षा-2021 में प्रवेश के लिए त‍िथ‍ि तय कर दी है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने शोध पात्रता परीक्षा-2021 (Research Eligibility Test-2021) में प्रवेश के लिए आनलाइन आवेदन की समय सीमा को 27 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी है। इच्‍छुक अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। रेट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शोधार्थियों को विश्वविद्यालय द्वारा फेलोशिप दी जाएगी। कोरोना महामारी के चलते पिछले वर्ष रेट की परीक्षा का आयोजन आनलाइन मोड में कराया गया था। आलाइन मोड में आयोजित परीक्षा में अभ्यर्थियों में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली थी। एक सीट के लिए 15 अभ्यर्थियों के बीच प्रतिस्पर्धा हुई थी। 24 राज्यों से 82 फीसदी अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए।

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इन विषयों के लिए कर सकते हैं आवेदन

एग्रीकल्चर (जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीड‍िंग), विधि, कार्मस, एजुकेशन, रसायनशास्त्र, गणित, सांख्यिकी, मनोविज्ञान, ङ्क्षहदी, भौतिक विज्ञान, अंग्रेजी, मध्यकालीन इतिहास, एग्रीकल्चर एकोनॉमिक्स, एग्रीकल्चर एक्सटेंशन, अर्थशास्त्र, प्राचीन इतिहास, भूगोल, राजनीतिशास्त्र, रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन।

ये है अर्हता

अभ्यर्थी का स्नातक स्तर पर द्वितीय श्रेणी उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके साथ ही अभ्यर्थी परास्नातक के अंतिम सेमेस्टर या वर्ष में संबंधित विषय से नामांकित हो (प्रवेश के समय अभ्यर्थी को अंतिम वर्ष का अपना रिजल्ट प्रस्तुत करना होगा)। परास्नातक 55 फीसदी अंक अनिवार्य होगा। ओबीसी, एससी, एसटी अभ्यर्थी के लिए पांच प्रतिशत की छूट होगी।

एमएमएमयूटी और एआइसीटीई में सहयोग के लिए हुआ करार

मदमन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली (एआइसीटीई) के बीच पारस्परिक सहयोग के लिए शुक्रवार को एक करार हुआ। दिल्ली में एआइसीटीई के कार्यालय में हुए करारनामे पर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. जेपी पांडेय और एआइसीटीई की ओर से अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्ध् ने हस्ताक्षर किया। इस अवसर पर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता नियोजन प्रो. गोङ्क्षवद पांडेय और कुलसचिव प्रो. बृजेश कुमार भी मौजूद रहे। यह करार समझौते की तारीख से पांच वर्ष के लिए प्रभावी रहेगा। समझौते के तहत दोनो पक्ष संयुक्त रूप से संकाय प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करेंगे। हर वर्ष कम से कम 10 प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित होंगे। इन कार्यक्रमों में एआइसीटीई अनुमोदित संस्थान के शिक्षक प्रतिभाग कर सकेंगे।

दिल्ली में एआइसीटीई के कार्यालय में हुआ दोनों संस्थानों में करार

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डा. अभिजीत मिश्र ने बताया कि इन कार्यक्रमों का वित्तीय व्यय भार दोनों संस्थान संयुक्त रूप से वहन करेंगे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तकनीकी विषयों सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों जैसे परीक्षा सुधार, छात्रों में संज्ञानात्मक क्षमता एवं डिजाइन कौशल का विकास, नवाचार एवं सामाजिक उद्यमिता, एन बी ए एक्रेडिटेशन, ए आई सी टी आई मॉडल क्यूरिकलम, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स आदि विषयों पर केंद्रित होंगे।

करार के बाद एआइसीटीई ने विश्वविद्यालय को गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के कौशल विकास, विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को और समृद्ध करने और छात्रों को इंटर्नशिप की सुविधा प्रदान करने के संबंध में मदद करने का आश्वासन भी दिया है। मीडिया प्रभारी के अनुसार करार के अवसर पर एआइसीटीई के अध्यक्ष प्रो अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि हमारा प्रयास है कि छात्रों में अधिक से अधिक कौशल विकसित हो और यह विकास शिक्षकों के कौशल विकास के माध्यम से हो। प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि एआसीटीई लगातार देश में तकनीकी शिक्षा के विकास के लिए प्रयासरत है, एमएमएमयूटी को यह खुशी है कि उसे करार का अवसर मिला है।


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