गोरखपुर विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग पूर्व अध्यक्ष प्रो. असहाब अली का निधन Gorakhpur News
गोरखपुर विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग पूर्व अध्यक्ष प्रो. असहाब अली का निधन हो गया। वह 1980 से 2011 तक 1980 में गोरखपुर विश्वविद्यालय कार्यरत रहे।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. असहाब अली व समाज शास्त्र विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. प्रभाशंकर पांडेय का शनिवार को निधन हो गया। प्रो. असहाब अली ने स्नातक, परास्नातक की शिक्षा व पीएचडी की उपाधि गोरखपुर विश्वविद्यालय से ली। वह वेदों के ज्ञाता थे। 1980 में गोरखपुर विश्वविद्यालय में लेक्चरर के पद पर कार्य शुरू किए और जून 2011 में अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए। 1973 से शोध के दौरान ही छात्रों से पढ़ाने लगे थे। 32 वर्षों तक उन्होंने विश्वविद्यालय में संस्कृत की शिक्षा दी।
मूलत: महराजगंज के जमुनिया गांव के निवासी प्रो. असहाब अली अपने पुत्र डॉ. औसाफ अली के साथ गोरखनाथ के पास नौरंगाबाद मोहल्ले में रहते थे। डॉ. औसाफ ने बताया कि शुक्रवार की रात अचानक उन्हें उल्टी और दस्त की परेशानी शुरू हुई। सुबह 11 बजे डॉक्टर के यहां ले जाया गया। डॉक्टर की सलाह पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने जा रहे थे। रास्ते लगभग 11.30 बजे उनका इंतकाल हो गया। गोरखनाथ के कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया।
प्रो. प्रभाशंकर पांडेय के निधन पर उत्तर प्रदेश आवासीय विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ व रिटायर्ड टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. चितरंजन मिश्र ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रो. प्रभाशंकर पांडेय विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली छात्र, कुशल शिक्षक और सक्षम प्रशासक थे। उन्होंने विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक के रूप में सामाजिक सरोकारों से छात्रों को जोड़ा। विश्वविद्यालय में एकेडमिक स्टाफ कालेज की स्थापना में उनकी अहम भूमिका रही। वह इसके पहले अध्यक्ष रहे। उन्होंने इस संस्था को देश में प्रतिष्ठित किया। प्रो. पांडेय शिक्षक संघ में भी सक्रिय रहे थे। उनके अनुभव ज्ञान और कौशल का लाभ विश्वविद्यालय के अलावा पूर्वांचल के सामाजिक संगठनों को भी मिला। वह विश्वविद्यालय प्रशासन, शिक्षक संघ और छात्र नेताओं के बीच तनाव कम करने की अहम कड़ी रहे।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने शोक जताया
पूर्व सीएम व सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने प्रो. असहाब अली निधन पर शोक जताया है। अखिलेेेेश यादव ने कहा कि प्रदेश की गंगा जमुनी साझी विरासत के प्रतीक गोरखपुर विश्वविद्यलय में तीन दशक तक अध्यापनरत रहे संस्कृत विभाग पूर्व अध्यक्ष प्रो. असहाब अली हमारे बीच नहीं रहे, उन्हें श्रद्धांंजलि। प्रदेश ने वेदों का सच्चा समरसतावादी संदेश समझने व समझाने वाले प्रकांड विद्वान खो दिया है।