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Gorakhpur University में CBCS परीक्षा की 40 प्रतिशत जिम्मेदारी कॉलेजों को सौंपने की तैयारी, वजह जान लें

गाेरखपुर विश्वविद्यालय ने सीबीसीएस में परीक्षा से कॉलेजों को जोड़ने की योजना बनाई है। हालांकि कॉलेजों को जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही विश्वविद्यालय की निगरानी टीम परीक्षा की शुचिता पर पूरी नजर रखेगी। विश्वविद्यालय की मंशा नई शिक्षा नीति के मुताबिक परीक्षा प्रणाली में कॉलेजों की भूमिका बढ़ानी है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandMon, 27 Mar 2023 12:27 PM (IST)
Gorakhpur University में CBCS परीक्षा की 40 प्रतिशत जिम्मेदारी कॉलेजों को सौंपने की तैयारी, वजह जान लें
DDU में परीक्षा की 40 प्रतिशत जिम्मेदारी कॉलेजों को सौंपने की तैयारी। (फाइल)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सीबीसीएस (च्वायस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) के लागू होने के बाद दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में परीक्षा की बढ़ी संख्या का बोझ कम करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसमें कॉलेजों की जिम्मेदारी तय करने की योजना बनाई है। विश्वविद्यालय परीक्षा की 40 प्रतिशत जिम्मेदारी कालेजों को सौंपने जा रहा है। योजना के मुताबिक सीबीसीएस के तहत संचालित पाठ्यक्रमों की सभी प्रैक्टिकल परीक्षाएं कालेजों द्वारा संचालित कराई जाएंगी। इसके पीछे विश्वविद्यालय की मंशा नई शिक्षा नीति के मुताबिक परीक्षा प्रणाली में कॉलेजों की भूमिका बढ़ानी है।

परीक्षा शुचिता को लेकर कोई सवाल न उठे, इसके लिए विश्वविद्यालय की निगरानी टीम उस पर नजर रखेगी। साथ ही परीक्षा आयोजन को लेकर मार्गदर्शन भी करेगी। स्व-वित्तपोषिक कालेजों पर इसे लेकर विशेष नजर रहेगी। जो कालेज अपने विद्यार्थियों को प्रायोगिक परीक्षा में 90 प्रतिशत या उससे अधिक अंक देंगे, जरूरत समझने पर विश्वविद्यालय द्वारा उनके मूल्यांकन का फिर से मूल्यांकन भी कराया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे लेकर अपना डाटा तैयार कर लिया है। परीक्षा की निगरानी के लिए निगरानी टीम भी बना दी गई है।

वार्षिक परीक्षा के लिए इस बार 140 केंद्र

स्नातक तृतीय वर्ष की वार्षिक परीक्षा 29 मार्च से शुरू हो रही है। इसे लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। 95 हजार विद्यार्थियों के परीक्षा देने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने 140 परीक्षा केंद्र बनाए हैं। परीक्षा केंद्र बनाने को लेकर विश्वविद्यालय ने काफी सख्ती बरती है। उन कालेजों को केंद्र नहीं बनाया गया है, जहां पिछली परीक्षाओं के दौरान लगातार 10 बार सीसी कैमरा आफलाइन मिला है। ऐसा कई वित्तपोषित कालेजों में भी हुआ, लेकिन उन्हें इस बार इस चेतावनी के साथ परीक्षा केंद्र बनाया गया है कि इस बार यह गलती हुई तो अगली बार उन्हें भी केंद्र नहीं बनाया जाएगा। इसके अलावा परीक्षा केंद्र बनाने का एक और मानक निर्धारित किया गया है। सह-शिक्षा वाले उन कालेजों को केंद्र बनाया गया है, जहां कम से कम 250 विद्यार्थी हैं। महिला कालेजाें के लिए यह मानक 150 छात्राओं का है।

क्या कहते हैं कुलपति

गोरखपुर विश्वविद्यालयके कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने बताया कि परीक्षा में कॉलेजों की प्रत्यक्ष भागीदारी सुनिश्चित करने की तैयारी की जा रही है। सभी पाठ्यक्रमों में 40 प्रतिशत प्रायोगिक परीक्षा पूरी तरह कॉलेज द्वारा संपन्न कराए जाएंगे। परीक्षा शुचिता के लिए विश्वविद्यालय की निगरानी टीम गठित कर दी गई है। 29 मार्च से शुरू होने वाली स्नातक पाठ्यक्रम की वार्षिक परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र बनाने में भी इस बार शुचिता कायम रखने के लिए काफी सख्ती बरती गई है।