Move to Jagran APP

राजनीति का अखाड़ा बना गोरखपुर विश्‍वविद्यालय, प्रोफेसर ने एक घंटे किया सत्याग्रह

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले हिंदी विभाग के प्रोफेसर कमलेश गुप्त का शांतिपूर्ण सत्याग्रह आंदोलन 22 दिसंबर को दूसरे दिन भी जारी रहा। तयशुदा कार्यक्रम के तहत प्रो. गुप्त दोपहर दो बजे प्रशासनिक भवन स्थित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष पहुंचे और सत्याग्रह किया।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Thu, 23 Dec 2021 01:00 PM (IST)Updated: Thu, 23 Dec 2021 03:27 PM (IST)
राजनीति का अखाड़ा बना गोरखपुर विश्‍वविद्यालय, प्रोफेसर ने एक घंटे किया सत्याग्रह
सत्‍याग्रह के बाद विश्‍वविद्यालय के हलीपैड पर छात्रों को पढ़ाते प्रो. कमलेश गुप्‍ता

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले हिंदी विभाग के प्रोफेसर कमलेश गुप्त का शांतिपूर्ण सत्याग्रह आंदोलन 22 दिसंबर को दूसरे दिन भी जारी रहा। तयशुदा कार्यक्रम के तहत प्रो. गुप्त दोपहर दो बजे प्रशासनिक भवन स्थित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष पहुंचे और सत्याग्रह किया। इस दौरान उनके समर्थन में शिक्षक, पूर्व शिक्षक, पूर्व व वर्तमान छात्र नेताओं के अलावा करीब सौ से अधिक छात्र पहुंचे और धरना स्थल पर बैठे।

loksabha election banner

प्रो. कमलेश ने समर्थन देने वालों को दिया धन्‍यवाद

एक घंटे तक सत्याग्रह पर बैठने के बाद अपराह्न तीन बजे निकलते समय प्रो. कमलेश गुप्त ने सभी को समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि जब भी विकट परिस्थितियां आती हैं तो किसी न किसी को बोलना पड़ता है। मंगलवार को समर्थन करने पर विवि के सात शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

धरने पर दूसरे प्रोफेसरों ने दिया साथ

लोगों को उम्मीद थी कि शायद नोटिस मिलने के कारण वे दूसरे दिन सत्याग्रह में शामिल न हो, लेकिन फिर भी प्रो.अजेय गुप्त, प्रो.चंद्रभूषण अंकूर और प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी प्रो.कमलेश के समर्थन में धरनास्थल पर बैठे। इनका दावा है कि उन्हें विश्वविद्यालय की तरफ से कोई कारण बताओ नोटिस 22 दिसंबर की दोपहर दो बजे तक नहीं मिला है। इसलिए वे इस प्रकरण पर फिलहाल कुछ नहीं बोल पाएंगे। यदि नोटिस जारी हुआ है और उन्हें मिलेगा तो वे इसका जवाब देंगे।

पूर्व प्रोफेसरों व छात्रों ने भी दिया साथ

सत्याग्रह के दौरान प्रो.चितरंजन मिश्र, पूर्व छात्र नेता जितेंद्र राय, ओम नारायण पांडेय, जनार्दन मिश्र, संजय यादव, अशोक चौधरी, मनोज सिंह, नारायण दत्त पाठक, अमन यादव, गौरव वर्मा, शिवशंकर गौड़, सत्यम यादव, दीपक कुमार तथा प्रिंस गुप्ता आदि छात्र नेता मौजूद थे।

आज 2.15 बजे से करेंगे सत्याग्रह

प्रो.गुप्त के फेसबुक पोस्ट के मुताबिक गुरुवार को वह 2.15 से 3.15 बजे तक प्रशासनिक भवन स्थित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष सत्याग्रह करेंगे। उन्होंने शिक्षकों और विद्यार्थियों से धैय और शांति बनाए रखने की भी अपील की है।

क्या है पूरा मामला

गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर कमलेश गुप्त ने कुलपति प्रो.राजेश सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए राजभवन से शिकायत की थी। उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने शपथ पत्र और साक्ष्य भी राजभवन को प्रस्तुत किए थे। राजभवन सचिवालय से इस शिकायत की जांच कुलपति को ही सौंप दी गई। इसे देखते हुए प्रो.कमलेश ने कहा था कि एक सप्ताह के अंदर कुलपति को नहीं हटाया गया तो वे सत्याग्रह करेंगे। इसी क्रम में उन्होंने 21 दिसंबर से सत्याग्रह शुरू किया है। सत्याग्रह के दिन ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें अलग-अलग आरोपों में निलंबित कर दिया था। यहां तक कि प्रो.कमलेश के समर्थन में उनके सत्याग्रह में शामिल होने पहुंचे सात प्रोफेसरों को भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

माशिसं ठकुराई का भी प्रो.कमलेश को समर्थन

उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट ने गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रो.कमलेश गुप्त के विवि प्रशासनिक भवन पर चल रहे सत्याग्रह को अपना समर्थन दिया है। बुधवार को हुई बैठक में जिलाध्यक्ष हीरा लाल गोंड ने कहा कि विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले हिंदी विभाग के प्रोफेसर को निलंबित किया जाना निंदनीय है। विश्वविद्यालय प्रशासन भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले को ही मिटाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। जिलामंत्री डा.शोभित श्रीवास्तव ने कहा कि हम शिक्षकों व शिक्षार्थियों के आंदोलन के साथ हैं।

कल महाविद्यालयों पर प्रदर्शन करेगा गुआक्टा

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रों का विरोध एवं प्रदर्शन व हिंदी विभाग के प्रोफेसर को कुलपति द्वारा निलंबित को लेकर फुफुफ्टा के आह्वान पर विवि मुख्यालय पर होने वाला प्रदर्शन 24 दिसंबर को महाविद्यालयों पर होगा। गोरखपुर विश्वविद्यालय, महाविद्यालय शिक्षक संघ (गुआक्टा) के अध्यक्ष डा.डीके तिवारी व महामंत्री डा.धीरेंद्र सिंह ने बताया कि शिक्षक के निलंबन से शिक्षकों में भी आक्रोश है। कुलपति दस दिनों के लिए विवि छोड़कर बाहर चले गए हैं। इसीलिए यह प्रदर्शन महाविद्यालयों में कराने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि गुआक्टा शिक्षक के निलंबन की कार्रवाई की निंदा करता है।

कार्य परिषद में उठाया जाएगा मुद्दा

गोरखपुर विश्‍वविद्यालय कार्य परिषद के सदस्‍य प्रो. चंद्रभूषण अंकुर ने कहा कि कार्य परिषद से अनुमोदन की प्रत्याशा में प्रो. कमलेश गुप्त का निलंबन किया गया है। इस मुद्दे को कार्य परिषद में लाना पड़ेगा। उस समय कार्य परिषद में इस मुद्दे को उठाया जाएगा।

निलंबन का आधार बेबुनियाद

उत्‍तर प्रदेश विश्‍वविद्यालय आवासीय महासंघ के अध्‍यक्ष प्रो. चितरंजन मिश्र ने कहा कि विवि के शिक्षक प्रो.कमलेश का निलंबन बुनियादी तौर पर नहीं बल्कि सत्याग्रह का निलंबन है। सत्याग्रह को निलंबित करने वाली सत्ता अपने मूल आचरण में ही मिथ्याग्रही होती है। यह विश्वविद्यालय के लिए अभूतपूर्व है कि एक प्रोफेसर सत्याग्रह कर रहा है। मैं उनके विभाग का अध्यक्ष रहा हूं। लंबे समय तक वे सहयोगी रहे हैं। उन्हें करीब से जानने वाला कोई भी व्यक्ति उन पर लगे आरोपों को सच नहीं मान सकता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.