Gorakhpur: बेरोजगार युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर करते थे वसूली, चार जालसाजों को पुलिस ने दबोचा
गोरखपुर जिले के गोला थाना व गगहा थाना क्षेत्र के रहने वालें आरोपितों ने गलत नाम पता बताकर कुसम्ही में किराये का कमरा लेकर कार्यालय खोला था। ये आसपास के जिलों के साथ ही बिहार के बेरोजगार युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर फंसाते थे और वसूली करते थे।
गोरखपुर, जागरण टीम। गोरखपुर व आसपास के जिलों व बिहार के बेरोजगार युवकों को विदेश भेजने के नाम पर जालसाजी कर वसूली करने वाले चार आरोपितों को खोराबार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गोला व गगहा क्षेत्र के रहने वाले आरोपितों ने गलत नाम व पता बताकर कुसम्ही में किराए पर कमरा लेकर कार्यालय खोला था। उनके पास से 1.40 लाख रुपये, 88 पासपोर्ट, दो लैपटाप, एक कार, चार मोबाइल फोन, नौ सिमकार्ड, पंपलेट, एक फर्जी आधार कार्ड, एक कंपनी की मुहर, दो पैनकार्ड हुए।
ये है मामला: एसपी सिटी कृष्ण कुमार ने पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खोराबार थाने के जगदीशपुर चौकी प्रभारी आशुतोष कुमार राय को सूचना मिली कि विदेश भेजने के नाम पर वसूली करने वाले गिरोह के लोगों ने कुसम्ही में अपना कार्यालय खोला है।बेरोजगार युवकों का पासपोर्ट जमा कराकर 70 हजार रुपये में विदेश भेजने का दावा करने करने के साथ ही मेडिकल कराने के लिए 3500 रुपये अलग से वसूल रहे हैं। छानबीन में जालसाजी करने की पुष्टि होने पर चौकी प्रभारी ने संचालक समेत चार आरोपितों को गोबरहिया चौराहा के पास गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में उनकी पहचान गगहा के राजगढ़ निवासी सोनू यादव, मितानपुर खुर्द निवासी कमलेश यादव, छपरा निवासी निकेतन त्रिपाठी और गोला के कुनवार राजा निवासी चंदन यादव के रुप में हुई।
आसपास के जिलों व बिहार के युवकों से वसूले रुपये: एसपी सिटी ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों ने गोरखपुर के अलावा कुशीनगर, महराजगंज, देवरिया, बिहार के गोपालगंज और सिवान के बेरोजगार युवकों से रुपये वसूले थे।यह गिरोह पिछले दो महीने से सक्रिय था।
मुंबई में है गिरोह का सरगना: पकड़े गए आरोपितों ने मुंबई की एक कंपनी के नाम पर कुसम्ही बाजार में कार्यालय खोला था। कंपनी के संचाल के कहने पर गोरखपुर में विदेश भेजने के नाम पर वसूली कर रहे थे। एसपी सिटी ने बताया कि मुंबई में रहने वाले गिरोह के सरगना पर कार्रवाई होगी। पकड़े गए आरोपितों ने अभी तक किसी को विदेश नहीं भेजा था। अभी मेडिकल कराने के नाम पर रुपये वसूले थे।