Gorakhpur News: चोरी के गहने खरीदने वाले सर्राफ समेत तीन बदमाश गिरफ्तार, कैंट थाने का हिस्ट्रीशीटर है सरगना
गोरखपुर जिले के महादेवपुरम में रहने वाले पूर्व उप कोषाधिकारी के बंद मकान में 23 अप्रैल को चोरों ने चोरी की थी। तभी से पुलिस इनकी तलाश में जुटी थी। गुरुवार को गिरफ्तार बदमाशों में कैंट थाने का हिस्ट्रीशीटर शामिल है। अभी एक अन्य फरार साथी की तलाश चल रही।
गोरखपुर, जागरण टीम। गोरखपुर जिले में चोरी के गहने खरीदने वाले सर्राफ समेत तीन बदमाशों को क्राइम ब्रांच व कैंट पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया हा। उनके कब्जे से महादेवपुरम में रहने वाले पूर्व उप कोषाधिकारी के घर से चोरी हुए गहने व रुपये बरामद हुए हैं। वारदात में शामिल एक अन्य आरोपित की तलाश चल रही है।
ये है मामला: एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महादेवपुरम कालोनी में रहने वाले पूर्व उप कोषाधिकारी अवधेश सिंह मकान में ताला बंद कर लखनऊ गए थे। 23 अप्रैल की रात में चोर ताला तोड़कर कमरे में रखे गहने व रुपये उठा ले गए। एक सप्ताह बाद लखनऊ से लौटने पर उन्हें घटना की जानकारी हुई। अज्ञात के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज कर क्राइम ब्रांच व कैंट थाने की पुलिस छानबीन कर रही थी।
घटनास्थल के पास मिले सीसी कैमरा फुटेज की मदद से चोरी करने वाले बदमाशों की पहचान हुई। गुरुवार की सुबह पुलिस टीम ने रामपुर तिराहा के पास दिव्यनगर के धोबी टोला निवासी धीरु पासवान, भैरोपुर निवासी अभिषेक सिंह और चोरी के गहने खरीदने वाले पिपराइच के रमवापुर निवासी चंदन वर्मा को गिरफ्तार किया।
वारदात में शामिल भैरोपुर निवासी गब्बर की तलाश चल रही है। वह पहले भी जेल जा चुका है। एसपी सिटी ने बताया कि चोरी के गहने खरीदने वाले चंदन की कुशीनगर के अहिरौली में ज्वेलरी ली दुकान है। आरोपितों के पास से 70 ग्राम सोना, 400 ग्राम चांदी के गहने, चोरी के 2010 रुपये, ताला तोड़ने में इस्तेमाल हुआ पेचकस व पिलास बरामद हुआ।
धीरु को दो बार मुठभेड़ में लग चुकी है गोली: चोरी करने वाले गिरोह का सरगना धीरु पासवान कैंट थाने का हिस्ट्रीशीटर है।मुठभेड़ में दो बार उसको गोली लग चुकी है।जेल से छुटने के बाद वह हाजिरी देने चौकी व थाने पर आता था और यह बताता था कि सुधर गया है।लेकिन अपराधिक गतिविधि में सक्रिय था। धीरु का भांजा मिथुन पासवान चौरी चौरा थाने का हिस्ट्रीशीटर है।उसके ऊपर चोरी, लूट, आम्र्स एक्ट के 15 से अधिक मुकदम दर्ज हैं।