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वो उड़ाते रहे 'तोते विभाग को खबर ही नहीं, गोरखपुर तोता तस्करी का बड़ा केंद्र Gorakhpur News

गिरोह की सरगना सलमा ने बताया कि घर पर ससुर के जमाने से तोते खरीदने-बेचने का कारोबार हो रहा है। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि तोता तस्करी का यह धंधा नया नहीं है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 08:33 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 09:00 AM (IST)
वो उड़ाते रहे 'तोते विभाग को खबर ही नहीं, गोरखपुर तोता तस्करी का बड़ा केंद्र Gorakhpur News
वो उड़ाते रहे 'तोते विभाग को खबर ही नहीं, गोरखपुर तोता तस्करी का बड़ा केंद्र Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। तोता तस्करी करने वाला गिरोह वर्षों से सक्रिय था, लेकिन वन विभाग को इसकी जानकारी नहीं थी। विभाग को इसकी खबर तब लगी जब एसटीएफ की मदद से इनका गिरोह पकड़ा गया। गिरोह की सरगना सलमा ने बताया कि घर पर ससुर के जमाने से तोते खरीदने-बेचने का कारोबार हो रहा है। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि तोता तस्करी का यह धंधा नया नहीं है। फिलहाल वन विभाग ने गिरोह की सरगना सलमा को 14 दिनों के न्यायिक रिमांड पर लिया है। पकड़े गए तोते विनोद वन में छोड़े जाएंगे।

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पहाड़ी तोते की है विशेष मांग

बिहार, छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न प्रदेशों में पहाड़ी तोते की विशेष मांग है। जानकारों के मुताबिक एक तोते की कीमत करीब 1500 रुपये तक है। हालांकि विभागीय अधिकारियों को चकमा देने के लिए आरोपितों ने बताया कि यह तोते उन्हें 30 रुपये में मिलते हैं और इसे वह 70 रुपये में बेंचते हैं। नेपाल सीमा पर इसका कारोबार खूब होता है। एसटीएफ ने पिछले महीने लखनऊ में 110 पहाड़ी तोते के साथ एक व्यक्ति को पकड़ा था। 

पहाड़ी तोते की विशेषता

अन्य तोते की अपेक्षा पहाड़ी तोता थोड़ा स्पष्ट बोलता है। यह कम ही समय में इंसान के आवाज की कापी करने लगता है। इसीलिए अन्य तोते की अपेक्षा इसकी मांग अधिक है।

इन पक्षियों की भी तस्करी करता है गिरोह

एसटीएफ के मुताबिक गिरोह के सदस्य तोते के अलावा बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, शाहजहांपुर आदि जिलों से तीतर, बटेर आदि की भी बिक्री करते थे। इन पक्षियों आपूर्ति नेपाल तक की जाती थी। 


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