Gorakhpur: रुपये हड़पने के लिए NRI ने दी लूट की सूचना, हवाला कारोबार से तार जुड़ने की आशंका
एनआरआइ ने रुपये हड़पने के लिए गोरखपुर पुलिस को लूट की सूचना दी थी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते आरोपितों की तलाश शुरू की। जिसके बाद आरोपितों को पकड़े जाने पर एनआरआइ का भेद खुल गया।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बैंकाक से गोरखपुर आ रहे एनआरआइ (अप्रवासी भारतीय) ने रुपये हड़पने के लिए लूट की झूठी सूचना दी थी। आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर पुलिस को सच्चाई का पता चला। मामले के हवाला कारोबार से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। जांच के लिए पुलिस ने आयकर विभाग व ईडी को पत्र लिखा है।
यह है पूरा मामला
गोरखपुर के नवीन दूबे बैंकाक में रहते हैं। सर्वेश को 42 हजार अमेरिकन डालर लाने के लिए उन्होंने दिल्ली भेजा था। दिल्ली पहुंचने के बाद सर्वेश ने सच्चिदानंद नाम के व्यक्ति से 42 हजार अमेरिकन डालर ले लिया लेकिन उसकी नियत में खोट आ गया और वह वापस नहीं लौटा। एक परिचित महिला से उसने 20 हजार डालर नवीन को भिजवा दिया और मोबाइल बंद कर गोरखपुर चला आया। महिला ने 10 हजार डालर अपने पास रख लिया और नवीन को केवल 10 हजार डालर ही दिए। इसकी जानकारी नवीन ने गोरखपुर के अपने रिश्तेदार व दोस्तों को दी तो उन्होंने सर्वेश को सहजनवां में पकड़ लिया और उसके पास रखे 2200 अमेरिकन डालर ले लिए। 10 हजार डालर कम होने पर सर्वेश ने अपनी चेन व घड़ी दे दिया। जिसका दूसरे पक्ष के लोगों ने वीडियो बनाकर नवीन को भेज दिया।
क्या कहती है पुलिस
एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने बताया कि सर्वेश ने चार युवकों के खिलाफ लूट व मारपीट करने का मुकदकमा दर्ज कराया था। तीन आरोपितों को गाड़ी समेत हिरासत में लेकर जांच की गई तो सच्चाई सामने आ गई। मामले के हवाला कारोबार से जुड़े होने की आशंका है। जांच के लिए ईडी व आयकर विभाग को पत्र लिखा गया है।
सर्वेश ने इनके खिलाफ दर्ज कराया था मुकदमा
बड़हलगंज के मरवटिया गांव के मूल निवासी पोनचाई उर्फ सर्वेश ने सहजनवां पुलिस को दी तहरीर में लिखा था कि सोमवार को वह बैंकाक से दिल्ली आया था। इसके बाद बस में सवार होकर मंगलवार को दिल्ली से गोरखपुर आया। सहजनवां पहुंचने पर कार से आए पवन त्रिपाठी, प्रांशुधर दुबे, पीयूषधर दुबे, प्रशांतधर दुबे ने अपहरण कर 22 हजार अमेरिकन डालर, 75 ग्राम सोने की चेन और 25 हजार रुपये लूट लिए।
बैंकाक में पोनचाई और भारत में सर्वेश यादव के नाम से नागरिकता
छानबीन में पता चला कि सर्वेश के पास दोहरी नागरिकता है। बैंकाक और भारत में अलग-अलग नाम से उसकी नागरिकता है। बैंकाक में लोग उसे पोनचाई नाम से जानते हैं, जिससे जुड़ा दस्तावेज पुलिस को मिला है। पैतृक गांव बड़हलगंज के मरवटिया गांव के अभिलेख में सर्वेश यादव नाम दर्ज है।