संकट में नगर निगम, कर्मचारियों को वेतन देने तक को नहीं है रुपये Gorakhpur News
बजट न मिलने के कारण गोरखपुर नगर निगम में कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के कारण नगर निगम में भी बजट का संकट दिखने लगा है। राज्य वित्त का अंशदान न मिलने की वजह से नगर निगम के अफसरों, कर्मचारियों का वेतन और पेंशनरों का भुगतान 14वें वित्त के बजट से देना पड़ा है। इस मद के धन से विकास कार्य कराए जाते हैं।
14वें वित्त के बजट से नगर निगम में दी गई तनख्वाह
नगर निगम में वेतन और पेंशन का संकट अप्रैल से ही खड़ा होने लगा था। शासन ने अप्रैल में ही 14वें वित्त के बजट से तनख्वाह व पेंशन देने के निर्देश दिए थे, लेकिन विकास कार्यों में कोई अड़चन न आए, इसलिए अफसरों ने पहले से बचे रुपये से मई तक तनख्वाह दी। जून की तनख्वाह के लिए नगर निगम के पास रुपये नहीं बचे, तो 14वें वित्त के बजट का इस्तेमाल किया गया।
अपर नगर आयुक्त डीके सिन्हा ने कहा कि शासन के निर्देशानुसार तनख्वाह और पेंशन दी जा चुकी है। राज्य वित्त का अंशदान भी जल्द मिलने की उम्मीद है।
40 करोड़ मिले थे
14वें वित्त के बजट से नगर निगम प्रशासन को शहर में विकास कार्यों के लिए 40 करोड़ रुपये मिले थे। शहर में कई जगह सड़क, नाली निर्माण का कार्य चल भी रहा है। अब 15वें वित्त से नगर निगम को 21 करोड़ रुपये मिल गए हैं। हालांकि शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी हाल में 15वें वित्त के बजट का विकास कार्यों के अलावा कहीं और इस्तेमाल न हो।
आठ करोड़ प्रतिमाह तनख्वाह व पेंशन
नगर निगम प्रतिमाह तकरीबन आठ करोड़ रुपये तनख्वाह और पेंशन के मद में खर्च करता है। यानी साल में 96 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। जबकि नगर निगम की सालाना आमदमी तकरीबन 25 करोड़ रुपये है।