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Gorakhpur News: आर्म्स एक्ट में माफिया सुधीर सिंह को दो साल की सजा, शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन में ससुर को भी तीन महीने की सजा

जिले के टॉप 10 व प्रदेश के माफिया की सूची में शामिल सुधीर न्यायालय में लंबित चल रहे मुकदमे में सजा पाने वाला दूसरा माफिया है। इससे पहले अभियोजन और पुलिस की मजबूत पैरवी से माफिया राकेश यादव को सजा हुई थी जो इस समय जेल में निरुद्ध है। शस्त्र अधिनियम का उल्लंघन करने में दोषी पाए जाने पर सुधीर के ससुर को भी तीन माह की सजा हुई है।

By Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Vinay Saxena Tue, 11 Jun 2024 10:19 AM (IST)
Gorakhpur News: आर्म्स एक्ट में माफिया सुधीर सिंह को दो साल की सजा, शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन में ससुर को भी तीन महीने की सजा
जिले के टॉप 10 व प्रदेश की सूची में शामिल माफिया सुधीर सिंह।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। जिले के टॉप 10 व प्रदेश की सूची में शामिल माफिया सुधीर सिंह को सीजेएम त्विषि श्रीवास्तव ने सोमवार को आर्म्स एक्ट के मुकदमे में दो वर्ष की सजा और 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। शस्त्र अधिनियम का उल्लंघन करने में दोषी पाए जाने पर सुधीर के ससुर को भी तीन माह की सजा हुई है। माफिया सुधीर सिंह पहले से जमानत पर बाहर है, लिहाजा कोर्ट ने उसे 20 हजार के व्यक्तिगत बंधपत्र पर अपील अवधि तक जमानत पर रिहा कर दिया है।

कैंट थाना पुलिस ने आठ अक्टूबर 2011 को रेलवे स्टेशन रोड पर चेकिंग के दौरान माफिया सुधीर सिंह के चार पहिया वाहन को रोका था, जिसमें चार लोग सवार थे। सुधीर व उसके साथी के पास से पुलिस ने असलहा बरामद किया था।

सुधीर के पास से बरामद 12 बोर की बंदूक का लाइसेंस उसके ससुर बेलीपार के जंगल रानी सोहास कुंवरी टोला बड़ेरिया में रहने वाले नरसिंह के नाम से होना बताया था। सुधीर ने ससुर के नाम का लाइसेंस भी दिखाया, लेकिन लाइसेंसी के न होने पर पुलिस ने सुधीर सिंह और उसके ससुर आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। गवाहों और सबूतों के आधार पर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इसी मामले में सोमवार को 13 साल बाद कोर्ट ने सुधीर और उसके ससुर नरसिंह को दोषी मानते हुए फैसला सुनाया है।

सजा पाने वाला जिले का दूसरा माफिया

जिले के टॉप 10 व प्रदेश के माफिया की सूची में शामिल सुधीर न्यायालय में लंबित चल रहे मुकदमे में सजा पाने वाला दूसरा माफिया है। इससे पहले अभियोजन और पुलिस की मजबूत पैरवी से माफिया राकेश यादव को सजा हुई थी जो इस समय जेल में निरुद्ध है।