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UP Crime: खूनी रंजिश व वर्चस्व की आग में छह दशक से सुलग रहा गोरखपुर का यह गांव, 20 साल बाद फिर हुआ बवाल

गोरखपुर का कनईल गांव छह दशक से खूनी संघर्ष की आग में सुलग रहा है। यह सिलसिला गांव के शशिमौली के पिता की हत्या के बाद से शुरू हुआ। गांव दो गुट में बट गया था। बदले की आग में जल रहे शशिमौली ने भी हत्यारोपित को मार डाला था।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Thu, 30 Mar 2023 09:01 AM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2023 09:01 AM (IST)
UP Crime: खूनी रंजिश व वर्चस्व की आग में छह दशक से सुलग रहा गोरखपुर का यह गांव, 20 साल बाद फिर हुआ बवाल
गोरखपुर के कनईल गांव में वर्षों से सुलग रही खूनी संघर्ष की आग। -जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। खूनी रंजिश व वर्चस्व की आग में बेलीपार का कनईल गांव छह दशक से सुलक रहा है। हिस्ट्रीशीटर व पूर्व प्रधान शशिमौली के पिता की हत्या के साथ बिगड़ा गांव का माहौल पिछले 20 वर्ष से शांत था, लेकिन बुधवार को हुई वारदात ने रंजिश की आग फिर से भड़का दी है। पुलिस के सामने वारदात में शामिल बदमाशों को पकड़ने के साथ ही शांति व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती है।

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शशिमौली ने पिता के हत्यारे को मारकर कायम किया वर्चस्व

1966 में शशिमौली के पिता बेनीमाधव शुक्ल की हत्या कर दी गई। पिता की हत्या का बदला लेने के लिए उसने बदमाशों से मेल जोल बढ़ाने के बाद 1977 में हत्यारोपित फरेंद्र की हत्या कर दी। इस घटना के बाद पूरे गांव में शशिमौली का वर्चस्व कायम हो गया। अपना रसूख कायम रखने के लिए 1985 में शशिमौली प्रधानी का चुनाव लड़ा और जीत गया। 1990 के चुनाव में भी जीत मिली। आपराधिक गतिविधि में शशिमौली के सक्रिय होने पर बेलीपार थाना पुलिस ने इसी वर्ष हिस्ट्रीशीट खोल दी, जिसके बाद उसने अपना नाम छोटे सरकार रख लिया।

नहीं थमा खूनी रंजिश का सिलसिला

गांव के लोग उसे इसी नाम से जानने लगे। वर्ष 1995 के चुनाव में प्रतिद्वंद्वी गुन्नी शुक्ला से हारने के बाद शशिमौली ने गांव से दूरी बना ली। कुछ दिन बाद गुन्नी की हत्या हो गई, उपचुनाव में गुन्नी की पत्नी यशोदा जीत गई। लेकिन खूनी रंजिश सिलसिला थमा नहीं। गांव के शंकर पांडेय और फिर फरेन शुक्ला की हत्या कर दी गई। गुन्नी शुक्ला के भाई दीनदयाल रहस्यमय स्थिति में लापता हो गए और उनका आज तक पता नहीं चला। वर्ष 2000 के पंचायत चुनाव में शशिमौली की गांव में वापसी हुई तो 2020 तक प्रधानी कब्जे में रही। वर्ष 2021 के पंचायत चुनाव में शशिमौली को हराकर गांव के सुबोध शुक्ल प्रधान बने। बुधवार को हुई घटना में शशिमौली ने सुबोध पर ही साजिश के तहत अर्पित व तीन अज्ञात बदमाशों से जानलेवा हमला कराने का आरोप लगाया है।

सात थानों में दर्ज हैं 14 मुकदमे

शशिमौली शुक्ल के विरुद्ध कैंट, शाहपुर, चिलुआताल, पनियरा, बेलीपार, सहजनवां और फैजाबाद जिले के गोसाइगंज थाने में हत्या, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर एक्ट के 14 मुकदमे दर्ज हैं। घटना के बाद रामगढ़ताल थाना पुलिस सभी मुकदमों की स्थिति जांच रही है।


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