गोरखपुर में बाढ़ से बचाव के लिए मजबूत बनाए जा रहे बांध, मुख्यमंत्री योगी ने दिया है खास निर्देश
गोरखपुर जिले में बाढ़ से बचाव की तैयारियां जोरो पर हैं। इसी क्रम में जिले के 31 स्थानों पर सुदृढ़ीकरण का काम चल रहा है। सभी परियोजनाओं में 50 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। बांधों को मजबूत बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिले को बाढ़ से बचाने के लिए जिले के संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील बंधों को मजबूत बनाने का काम तेजी से चल रहा है। बांध सुदृढ़ीकरण के लिए जिले में 31 परियोजनाएं स्वीकृत की गई थीं और इनमें से पांच का काम पूरा हो चुका है। अन्य परियोजनाओं में भी 50 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है और सिंचाई विभाग के अधिकारियों का दावा है कि 15 जुलाई तक सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों को बाढ़ बचाव की तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया है।
पिछली बार बांधों का था ये हाल: पिछले साल भारी वर्षा व नदियों में आए उफान के बावजूद जिले में बाढ़ को काफी हद तक नियंत्रित किया गया था। दो स्थानों पर छोड़कर सभी बांधों को कटने से बचा लिया गया था। इस साल समय रहते ही कमजोर बंधों को मजबूत बनाने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई और काम भी शुरू करा दिया गया। 31 में से पांच परियोजनाओं का काम पूरा हो चुका है।
तीन ऐसी परियोजनाएं हैं, जहां 90 प्रतिशत से अधिक काम हो चुका है। 17 परियोजनाओं पर काम तेजी से चल रहा है। इन्हें भी 70 से 90 प्रतिशत तक पूरा किया जा चुका है। तीन ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनका काम 50 से 70 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। इस बार वर्षा कुछ देर से शुरू हुई है, जिससे सिंचाई विभाग ने राहत की सांस ली है। बंधों के सुदृढ़ीकरण का मौका भी मिल गया है।
दो स्थानों पर हो रहा ड्रेजिंग का काम: जिले के गोला तहसील में दो स्थानों पर सरयू नदी की ड्रेजिंग का काम भी अंतिम चरण में है। ड्रेजिंग कर नदी की धारा मोड़ी जा रही है, जिससे कई गांवों को कटने से बचाया जा सके। ड्रेजिंग के दौरान निकले सिल्ट को नीलाम भी किया जा चुका है और उसे नदी के किनारे से हटाया जा रहा है, जिससे वर्षा होने पर सिल्ट दोबारा नदी में न जाए।
बाढ़ खंड दो के अधिशासी अभियंता रूपेश कुमार खरे ने बताया कि जिले में बांधों को सुरक्षित करने के लिए 31 परियोजनाएं स्वीकृत हुई थीं, जिनमें से पांच का काम पूरा हो चुका है। इस समय संचालित सभी परियोजनाओं का काम आधे से अधिक पूरा हो चुका है। 15 जुलाई तक सभी काम पूरे हो जाएंगे।