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बाजार में तरह-तरह के चौका-बेलन, नया डिजाइन दे रहे कारीगर Gorakhpur News

दुकानदारों के मुताबिक सर्वाधिक डिमांड चौका-बेलन की है। चौका-बेलन में किए गए प्रयोग नई पीढ़ी की महिलाओं को खूब भा रहे हैं। ऐसे में हर दिन इसकी जमकर बिक्री हो रही है। संगमरमर के चौका-बेलन की सर्वाधिक डिमांड है।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 12:24 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 12:24 PM (IST)
बाजार में तरह-तरह के चौका-बेलन, नया डिजाइन दे रहे कारीगर Gorakhpur News
गोरखनाथ मंदिर में लगे खिचड़ी मेले में श्रद्वालुओ की भीड़ खरीदारी करती हुई।

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेले की परंपरा भले ही पुरानी है पर उसमें लगा बाजार खरीदारों की आधुनिक डिमांड भी पूरी कर रहा है। लोहे से जुड़े घरेलू सामान की दुकान की सजावट तो पुरानी है, उसमें रखे सामान नई पीढ़ी के खरीदारों की मांग पर भी खरे उतर रहे हैं।

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दुकानदारों के मुताबिक सर्वाधिक डिमांड चौका-बेलन की है। चौका-बेलन में किए गए प्रयोग नई पीढ़ी की महिलाओं को खूब भा रहे हैं। ऐसे में हर दिन इसकी जमकर बिक्री हो रही है। संगमरमर के चौका-बेलन की सर्वाधिक डिमांड है। कुटनी और मथनी भी लोग खूब खरीद रहे हैं। बाजार में यह कई साइज में मौजूद है। महिलाएं तरह-तरह की चलनी और छिलनी भी खोज रही हैं।

छेदवाली थाली की भी बढ़ रही मांग

छेद वाली थाली को भी बहुत सी महिलाएं मांग रही हैं। उनकी खोज मेले की दुकानों में सफल हो रही है। हर तरह का चाकू भी लोगों को भा रहा है। दुकानदारों की मानें तो कुछ खरीदार एक साथ घर की जरूरत के मुताबिक विभिन्न आकार के आधा दर्जन से अधिक चाकू खरीद रहे हैं। इडली और गुझिया के सांचा भी बड़ी संख्या में बिक रहा है। आलू मैसर और गुलाब कटर दुकानदारों के मुताबिक उनकी दुकान पर पहली बार रखा गया है। उनकी खूबी के बारे में खरीदार पहले जानकारी ले रहे हैं फिर जरूर खरीद रहे हैं।

पहली बार आया लोहे का सूपा

लोह का सूपा के बारे में सुनकर आपको आश्चर्य होगा क्योंकि सूपा का नाम आते ही मन में बेंत के सूपे की छवि उभरती है। मेले में पहली बार लोहे का सूपा देखने को मिल रहा है तो महिलाएं उसे अचरज से देख रही हैं। दुकानदारों का कहना है कि लोहे का सूपा वह बाजार में पहली बार लेकर आए हैं। यह ज्यादा टिकाऊ है। दुकानदार विजय का कहना है कि हमारी पूरी कोशिश होती है कि दुकान पर आया कोई खरीदार वापस न लौटे, इसके लिए आधुनिकतम घरेलू सामान को लेकर मेले में आते हैं। यही वजह है कि बीते एक दशक से बाजार में टिके हुए हैं। रणजीत का कहना है कि पिता शिवनाथ दो दशक से मेले में दुकान लगा रहे हैं। मैं, मां और बहन भी उनका सहयोग करते हैं। समय के साथ लोगों की डिमांड भी बदली है। हर डिमांड पर हमारी दुकान खरा उतरे, इसके लिए हर नए प्रयोग के साथ मेले में आते हैं।


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