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पूर्वांचल की राजनीति का 'पावर सेंटर' बना गोरखपुर, भाजपा ने सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला किया फिट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह क्षेत्र गोरखपुर पूर्वांचल की राजनीति का पावर सेंटर बन चुका है। मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट में दो-दो मंत्री राज्यपाल राज्यसभा सदस्य के साथ अब राष्ट्रीय राजनीति में भी दो केंद्रीय मंत्री। केंद्र ने गोरखपुर के हर जाति-वर्ग के नेता को महत्वपूर्ण पद व विभाग में स्थान देकर पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि गोरखपुर प्रदेश की राजनीति का अहम केंद्र होगा।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Tue, 11 Jun 2024 10:19 AM (IST)
पूर्वांचल की राजनीति का 'पावर सेंटर' बना गोरखपुर, भाजपा ने सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला किया फिट
पूर्वांचल की राजनीति का 'पावर सेंटर' बना गोरखपुर, भाजपा ने सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला किया फिट

रजनीश त्रिपाठी, गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह क्षेत्र गोरखपुर पूर्वांचल की राजनीति का "पावर सेंटर" बन चुका है। मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट में दो-दो मंत्री, राज्यपाल, राज्यसभा सदस्य के साथ अब राष्ट्रीय राजनीति में भी दो केंद्रीय मंत्री।

केंद्र से लेकर प्रदेश की राजनीति में गोरखपुर के हर जाति-वर्ग के नेता को महत्वपूर्ण पद व विभाग में स्थान देकर पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों में गोरखपुर प्रदेश की राजनीति का अहम केंद्र होगा।

भाजपा ने पूर्वांचल में मजबूत की जाति की गांठ

सपा के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समीकरण की काट के लिए भाजपा ने मोदी 3.0 मंत्रिमंडल में कमलेश पासवान को केंद्रीय ग्राम्य विकास राज्यमंत्री और पंकज चौधरी को लगातार दूसरी बार केंद्रीय वित्तराज्य मंत्री बनाकर पिछड़ा और दलित वोट बैंक को लेकर अपनी गंभीरता प्रकट कर दी है।

विकास और सुरक्षा को मुद्दा बताने वाली भाजपा चुनाव में जातिगत समीकरण का प्रभाव देखने के बाद अब इस मोर्च पर खुद को और मजबूत करने में जुट गई। विशेष तौर पर पूर्वांचल के उस सघन आबादी वाले इलाके में जहां हर सीट पर जातियों की गणित अलग-अलग है। कहीं ब्राह्मण अधिक हैं तो कहीं क्षत्रिय।

कई सीटों पर चौधरी, कुर्मी और सैंथवार जीत-हार का आधार हैं तो कुछ सीटें ऐसी भी हैं जिस पर निषाद मतदाताओं का प्रभाव है। गोरखपुर-बस्ती मंडल में 41 विधानसभा सीटों वाला यह क्षेत्र आसपास की 24 अन्य सीटों पर भी असर डालता है।

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