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गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय से यूपी के 94 आयुष महाविद्यालयों को दी जाएगी संबद्धता, साफ्टवेयर व एजूकेटिव काउंसिल बनाने का कार्य शुरू

Gorakhnath Ayush University महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर से प्रदेश के सभी 94 आयुष महाविद्यालयों को संबद्धता प्रदान की जाएगी। महाविद्यालयों को संबद्धता इसी सत्र से दी जाएगी और पेपर भी यहीं बनेगा। इस बार की परीक्षा भी विश्वविद्यालय ही कराएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 04 Feb 2022 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 04 Feb 2022 07:30 AM (IST)
गोरखपुर का महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर के भटहट में बन रहे प्रदेश के पहले महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण भले ही पूरा नहीं हो पाया है लेकिन शैक्षिक व्यवस्था नार्मल परिसर में बने अस्थायी कार्यालय से ही संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इसी सत्र (2021-22) से प्रदेश के सभी 94 आयुष महाविद्यालयों को संबद्धता प्रदान की जाएगी। पेपर भी यहीं बनेगा और इस बार की परीक्षा भी यह विश्वविद्यालय ही कराएगा। विश्वविद्यालय का साफ्टवेयर व एजूकेटिव काउंसिल बनाने का कार्य शुरू हो गया है।

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संबद्धता के लिए महाविद्यालयों को करना होगा आनलाइन आवेदन

अभी तक सभी महाविद्यालय 12 विश्वविद्यालयों से संबद्ध हैं। इसलिए पाठ्यक्रम व परीक्षा में एकरूपता नहीं आ पा रही थी। इसलिए प्रदेश सरकार ने प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय की आधारशिला गोरखपुर में रखी। अब यहीं से सभी आयुष महाविद्यालय संचालित किए जाएंगे। इन महाविद्यालयों के संबद्ध हो जाने से लगभग 10 हजार छात्रों को शिक्षा व पाठ्यक्रम में एकरूपता मिलेगी। सत्र नियमित होने के साथ ही उनकी परीक्षा भी एक साथ हो सकेगी। काउंसिलिंग के बाद छात्रों का पंजीकरण व महाविद्यालयों की संबद्धता का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए महाविद्यालयों को आनलाइन आवेदन करना होगा।

विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य शुरू

अभी तक आयुष विश्वविद्यालय की बाउंड्रीवाल का निर्माण हो रहा था। अब कुलपति आवास, टाइप- 5 बंगला, फेसिलिटी सेंटर व गेस्ट हाउस का निर्माण भी शुरू करा दिया गया है। कार्यदायी संस्था ने छह माह में चारो भवन बनाकर हस्तांतरित करने का आश्वासन दिया है। गेस्ट हाउस को शुरुआत में प्रशासनिक भवन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। 31 मार्च 2024 तक विश्वविद्यालय को पूरी तरह से तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रदेश में आयुष महाविद्यालयों की संख्या- 94

आयुर्वेद महाविद्यालय- 08 सरकारी व 59 निजी

यूनानी महाविद्यालय- 02 सरकारी व 13 निजी

होम्योपैथी महाविद्यालय- 09 सरकारी व 03 निजी

प्रदेश के सभी आयुष महाविद्यालयों का पाठ्यक्रम अब न केवल एक होगा बल्कि शैक्षणिक सत्र नियमित होने के साथ ही परीक्षाएं भी एक साथ होंगी। सभी महाविद्यालयों को इसी सत्र से संबद्ध कर लिया जाएगा। साफ्टवेयर व एजूकेटिव काउंसिल बनाने का कार्य शुरू हो चुका है। अधिकतम छह माह में विश्वविद्यालय परिसर में हमारा कार्यालय शिफ्ट हो जाएगा। - डा. अवधेश कुमार सिंह, कुलपति, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय।


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