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फूस के रिहायशी मकान में आग लगने बालिका की मौत, बचाने में पिता भी झुलसा Gorakhpur News

आग लगने बाद सुदामा की बेटी 12 वर्षीय सीमा बकरियों को बचाने के लिए पहुंच गई। वह बकरियों को रस्‍सी से खोल भी नहीं पाई कि आग से चौतरफा घिर गई।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 24 Apr 2020 03:56 PM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2020 03:56 PM (IST)
फूस के रिहायशी मकान में आग लगने बालिका की मौत, बचाने में पिता भी झुलसा Gorakhpur News
फूस के रिहायशी मकान में आग लगने बालिका की मौत, बचाने में पिता भी झुलसा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कैंपियरगंज थाना क्षेत्र के खड़खड़िया गांव के गुड़ियान टोला पर गुरुवार की रात में फूस के रिहायशी मकान में आग लग जाने से 12 वर्षीय एक बालिका की मौत हो गई। बालिका को बचाने में उसके पिता सुदामा गंभीर रूप से झुलस गए हैं। रात में ही सुदामा को ही सीएचसी कैंपियरगंज लाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने उपचार के बाद मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया।

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ब‍करियों को बचाने के लिए पहुंची बालिका

जानकारी के मुताबिक गुरुवार की रात में सुदामा अपने परिवार के साथ भोजन कर फूस के रिहायशी मकान के बगल की झोपड़ी में सोने चले गए। परिवार के अन्‍य सदस्‍य भी सुदामा के साथ झोपड़ी में सो रहे थे। रात में अचानक आग लग गई। यह आग वहां लगी जहां परिवार के सभी सदस्‍य भोजन किए थे। वहां पर गाय, भैंस और बकरियां बांधी गई थीं। आग लगने बाद सुदामा की बेटी 12 वर्षीय सीमा बकरियों को बचाने के लिए पहुंच गई।

बकरियों की रस्‍सी भी नहीं खोल पाई

वह बकरियों को रस्‍सी से खोल भी नहीं पाई कि आग से चौतरफा घिर गई। इधर सुदामा ने शोर मचाना शुरू कर दिया। अचानक ध्‍यान आया कि उनकी बेटी सीमा बकरियों को निकालने गई पर वापस नहीं आई। वह भी बचाने के लिए आग में कूद पड़े। तब तक गांव के लोगों ने बाल्‍टी से पानी लेकर आग बुझाना शुरू दिया। किसी तरह से सुदामा को बाहर निकाला गया। तब तक वह बुरी तरह से झुलस गए थे।

दमकल भी पहुंचा, 19 ब‍करियों की जलकर मौत

इस बीच किसी ने दमकल विभाग को सूचना दे दी। कुछ देर में दमकल भी पहुंच गया। ग्रामीणों के सहयोग से दमकल ने आग पर किसी तरह से काबू पाया। कुछ देर बाद पुलिस भी पुलिस आ गई। मौके पर पहुची पुलिस ने मृत बालिका का शव निकाला और कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आग में झोपड़ी में मौजूद सभी 19 बकरियां जल कर मर गईं। साथ ही भैंस व एक पडिया भी झुलस गईं।

आग में घर का पूरा सामान जलकर राख

बताते हैं कि जिस फूस के मकान में आग लगी, उसमें सुदामा के घर का पूरा सामान था। बगल में ही बकरियों और भैंस को भी बांधकर रखा जाता था। भोजन के उपरांत परिवार के सदस्‍य झोपड़ी में सोने के लिए चला जाया करते थे। 


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