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ग्रुप हाउसिंग के लिए जमीन देगा गीडा, दूर होगी आवास की समस्‍या Gorakhpur News

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी विकसित करने के लिए दो आवासीय सेक्टरों में तीन ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी के लिए प्लाट देगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 12:24 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 12:24 PM (IST)
ग्रुप हाउसिंग के लिए जमीन देगा गीडा, दूर होगी आवास की समस्‍या Gorakhpur News
ग्रुप हाउसिंग के लिए जमीन देगा गीडा, दूर होगी आवास की समस्‍या Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की तरफ ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी विकसित करने के लिए कदम बढ़ा दिया गया है। पहले चरण में दो आवासीय सेक्टरों में तीन ग्रुप हाउसिंग कॉलोनी के लिए प्लाट बेचा जाएगा। प्लाट आवंटित करने के लिए 15 फरवरी तक विज्ञापन भी जारी कर दिया जाएगा। यह कॉलोनियां सेक्टर पांच तथा 23 में विकसित की जाएंगी। सबसे बड़ा प्लाट 3300 वर्ग मीटर तथा छोटा 1800 वर्ग मीटर में रहेगा।

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पहले चरण में गीडा के दो आवासीय सेक्टरों में तीन प्लाट ग्रुप हाउसिंग टाउनशिप के लिए चयनित किए गए हैं और इसकी योजना भी बन चुकी है। सेक्टर 23 आवासीय कॉलोनी में 2400 व 1800 वर्ग मीटर के दो प्लाट आवंटित किए जाएंगे तथा सेक्टर पांच में 3300 वर्ग मीटर एक प्लाट दिया जाएगा। 

गीडा की तरफ से पहले चरण में ग्रुप हाउसिंग के तीन प्लाट आवंटित किए जाएंगे। आवासीय सेक्टर पांच में दो तथा सेक्टर 23 में एक प्लाट चिहिï्नत कया गया है। अगले सप्ताह तक विज्ञापन निकाल दिया जाएगा। - संजीव रंजन, मुख्य कार्यपालक अधिकारी गीडा।

नौसढ़-कालेसर रोड : 16 करोड़ से संवरेगी सड़क की सूरत

शहर के मुख्य प्रवेश द्वार के मार्ग (नौसढ़-कालेसर रोड) की सूरत 16 करोड़ रुपये से संवरेगी। उबड़-खाबड़ हुई यह सड़क परेशानी का सबब बनी हुई है। शहर में प्रवेश करते ही हिचकोले खाना वाहन सवारों की मजबूरी है। पीडब्लूडी (लोक निर्माण विभाग) ने शासन में सड़क के बदहाल नौ किमी हिस्से की मरम्मत का प्रस्ताव भेजा है। यह रोड शहर का मुख्य प्रवेश द्वार है। लखनऊ से आने वाले सभी वाहन इसी मार्ग से प्रवेश करते हैं। सिंगल लेन यह सड़क 2015 में फोरलेन बनाई गई थी। एक साल बाद ही टूटनी शुरू हो गई। जहां सड़क टूटती थी, वहां विभाग पैच वर्क करा देता था। बार-बार पैचिंग के चलते पूरी तरह से उबड़-खाबड़ हो गई।

एक मीटर चौड़ा नाला भी बनेगा

सड़क के खराब होने का मुख्य कारण अनेक जगहों पर होने वाला जल भराव है। जल निकासी व्यवस्था ठीक करने के लिए प्रस्ताव में नाला निर्माण भी शामिल किया गया है। आबादी वाले हिस्से में जहां भी जल भराव होता है, वहां एक मीटर चौड़ा व एक मीटर गहरा नाला बनाया जाएगा, ताकि पानी निकल सके।

सड़क बहुत खराब हो गई थी। इसलिए सड़क की मरम्मत का प्रस्ताव बनाकर शासन में भेजा गया है। स्वीकृत होते ही निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। - एसपी भारती, अधिशासी अभियंता, पीडब्लूडी

इस बरसात नहीं डूबेगा शहर

अबकी बरसात में शहर डूबने से बच जाएगा। बारिश का पानी तेजी से राप्ती नदी में डाला जा सकेगा। इसके लिए जल निगम ने डोमिनगढ़ और इलाहीबाग पंपिंग स्टेशनों की क्षमता में वृद्धि का कार्य शुरू कर दिया है। दोनों पंपों की क्षमता 20.4-20.4 लाख लीटर प्रति घंटे होगी। पहले दोनों पंपों को मिलाकर प्रति घंटे 11.22 लाख लीटर पानी ही नदी में जा पाता था। बारिश के दिनों में शहर में होने वाले जलभराव को देखते हुए नगर निगम ने अधिक क्षमता के पंप लगाने का प्रस्ताव पास किया था। नगर निगम ने जल निगम को धन का भुगतान भी कर दिया है। इस पर तकरीबन एक करोड़ रुपये खर्च होंगे। दोनों पंपों की मशीनें बदल कर उच्च क्षमता की लगाई जा रही हैं।

यह होगी क्षमता

पंप         वर्तमान  यह होगी

इलाहीबाग   6        20

डोमिनगढ़   5        20

नोट- क्षमता क्यूसेक प्रति मिनट है। एक क्यूसेक में 17 सौ लीटर होता है। यानी एक मिनट में 34 हजार और एक घंटे में 20.4 लाख लीटर पानी निकलेगा।

डोमिनगढ़ और इलाहीबाग पंपिंग स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने का काम शुरू हो गया है। बारिश में जलभराव से शहरवासियों को मुक्ति मिलेगी। - सीताराम जायसवाल, महापौर

पंपिंग स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने के लिए मशीनें मंगाई जाने लगी हैं। 31 मार्च से पहले काम पूरा करा लिया जाएगा। पूर्वांचल में पहली बार इतनी क्षमता की पंपिंग मशीन लग रही है। - आदर्श राज, अधिशासी अभियंता, जल निगम


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