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गोरखधाम में बढ़ेंगी जनरल की दो बोगियां, दैनिक जागरण ने चलाया था अभियान

गोरखधाम एक्सप्रेस को लेकर दैनिक जागरण की मुहिम को बड़ी सफलता मिली है। रेल प्रशासन को आखिरकार इस ट्रेन में जनरल की दो बोगियों को बढ़ाने का फैसला लेना ही पड़ा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 10:17 AM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 05:03 PM (IST)
गोरखधाम में बढ़ेंगी जनरल की दो बोगियां, दैनिक जागरण ने चलाया था अभियान
गोरखधाम में बढ़ेंगी जनरल की दो बोगियां, दैनिक जागरण ने चलाया था अभियान

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखधाम एक्सप्रेस को लेकर दैनिक जागरण की मुहिम को बड़ी सफलता मिली है। रेल प्रशासन को आखिरकार इस ट्रेन में जनरल की दो बोगियों को बढ़ाने का फैसला लेना ही पड़ा। सात मई से अब इस ट्रेन में जनरल के सात कोच लगेंगे, जिससे दिल्ली जाने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी।

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गाड़ी संख्या 12555-12556 गोरखधाम एक्सप्रेस में 14 मार्च को एलबीएच कोच लगाए गए और तभी से समस्या खड़ी हो गई, क्योंकि इससे जनरल बोगियों की संख्या सात से घटकर पांच हो गईं। वहीं दिव्यांग और महिला कोच भी हट गए। इससे दिल्ली जाने वाले यात्रियों के सामने मारामारी की स्थिति आ गई। जागरण तभी से अभियान चला रहा था और लगातार सुझाव भी दे रहा था। 

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने बताया कि ट्रेन 22 कोच की ही रहेगी, लेकिन दो चेयरकार हटाकर उनके स्थान पर जनरल की दो बोगियों को बढ़ाया जाएगा। ट्रेन में अब साधारण श्रेणी के सात, शयनयान श्रेणी के आठ, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के तीन, वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी का एक, वातानुकूलित प्रथम सह द्वितीय श्रेणी का एक तथा जनरेटर सह लगेज यान के दो कोच स्थाई रूप से लगाए जाएंगे। इससे जनरल के यात्रियों को सहूलियत मिलेगी। इसके अलावा गोरखपुर से दिल्ली के लिए नई ट्रेन चलाने का प्रस्ताव भी रेलवे बोर्ड को भेजा गया है।

अब रेल कर्मियों को बाबू गाड़ी का पास भी बंद

उधर, बाबू गाड़ी के बाद पूर्वोत्तर रेलवे ने बाबू गाड़ी पास या बाबू गाड़ी टिकट (सीटीटी) को भी बंद कर दिया है। कार्मिक विभाग ने इसका दिशा-निर्देश भी जारी कर दिया है। दशकों पहले तक बाबू गाड़ी बंद होने के बाद भी रेलवे कर्मचारियों को पास की सुविधा मिलती रही है। रेलवे प्रशासन बाबू गाड़ी बंद करने के बाद भी पास के रूप में यादों को सहेजे हुए था।   बाबुओं को समय से दफ्तर पहुंचाने के लिए बाबू गाड़ी ब्रिटिश राज से चलाई जाती थी,तब से ही पास की व्यवस्था थी। गोरखपुर में कारखाना और शेड के कर्मचारियों के लिए मुख्य वाणिज्य प्रबंधक कार्यालय के सामने से बाबू गाड़ी चलती थी। यह गाड़ी गोरखपुर से 40 किमी परिधि के अंदर खलीलाबाद, आनंदनगर, पिपराइच और चौरीचौरा में रहने वाले बाबुओं के लिए चलती थी। रेलकर्मियों को बाबू गाड़ी पास मुहैया कराया जाता था। यह पास एक वर्ष में एक बार बनता था। 23 अप्रैल को कार्मिक विभाग ने पास को बंद करने का भी फरमान जारी दिया।


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