सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में सामान्य आपरेशन शुरू, बाजार को मिली गति
मार्च से ही सामान्य आपरेशन टाले जा रहे थे। प्रसव के अलावा बहुत ही जरूरी आपरेशन किए जा रहे थे। ज्यादातर मरीज मेडिकल कॉलेज व जिला महिला अस्पताल पहुंच रहे थे। वहां सभी दवाएं व जरूरी सामान निश्शुल्क मिल जाते थे।
गोरखपुर, जेएनएन। लाकडाउन से ही बंद रहे सामान्य आपरेशन अब शुरू हो गए हैं। इससे जनता को राहत मिली है और बाजार ने भी गति पकड़ ली है। अब तक केवल इमरजेंसी आपरेशन ही हो रहे थे, वह भी ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में ही आपरेशन हो रहे थे। निजी अस्पतालों में यह कार्य पूरी तरह से बंद था। सितंबर से नर्सिंग होमों ने सभी तरह के आपरेशन शुरू कर दिए हैं।
मार्च से ही टाले जा रहे थे आपरेशन के केस
मार्च से ही सामान्य आपरेशन टाले जा रहे थे। प्रसव के अलावा बहुत ही जरूरी आपरेशन किए जा रहे थे। ज्यादातर मरीज मेडिकल कॉलेज व जिला महिला अस्पताल पहुंच रहे थे। वहां सभी दवाएं व जरूरी सामान निश्शुल्क मिल जाते थे। नर्सिंग होमों में आपरेशन कम होने से सर्जिकल व इंजेक्शन का बाजार केवल पांच फीसद रह गया था, जो अब 50 फीसद पर पहुंच गया है।
कोरोना काल में हो रहे थे केवल इमरजेंसी आपरेशन
शाही ग्लोबल हास्पिटल के निदेशक डा. शिवशंकर शाही का कहना है कि पहले रोज 12 से 14 आपरेशन होते थे। कोरोना काल में इनकी संख्या घटकर पांच-छह हो गई थी। सितंबर से पुन: पहले जैसी स्थिति हो गई है।
आर्यन हास्पिटल के निदेशक डा. डीपी सिंह का कहना है कि सामान्य दिनों में रोज पांच-छह आपरेशन होते थे। कोरोना काल में इनकी संख्या महीने में पांच-छह हो गई थी। अब पुन: रोज दो-तीन आपरेशन हो रहे हैं।
पांच से 50 फीसद पर पहुंचा सर्जिकल व इंजेक्शन का बाजार
इंजेक्शन के थोक व्यापारी संजय उपाध्याय का कहना है कि कोरोना काल में इंजेक्शन की बिक्री मात्र पांच से सात फीसद की रह गई थी। अब पुन: नर्सिंग होमों से मांग आने लगी है। बाजार 50 फीसद पर पहुंच गया है।
सर्जिकल सामान के थोक व्यापारी राजर्षि बंसल का कहना है कि हम लोग अपना मूल काम छोड़कर सैनिटाइजर व मास्क बेच रहे थे। सर्जिकल सामान की बिक्री सिर्फ पांच फीसद रह गई थी, अब 50 फीसद हो गई है।