गोरखपुर में किन्नर महासम्मेलन 11 मार्च तक, जानें-सम्मेलन और उनकी विशेषताएं
किन्नर समाज की महामंडलेश्वर किरण गिरी और इस कार्यक्रम की आयोजक प्रेम नायक किन्नर का कहना है कि उनके इस सम्मेलन में राजस्थान गुजरात मध्यप्रदेश दिल्ली पंजाब कलकत्ता उत्तराखंड गुजरात बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से लोग आए हुए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। शहर के पादरी बाजार स्थित एक मैरेज लान में किन्नरों का महा सम्मेलन जारी है। 2 मार्च से 13 मार्च तक आयोजित 11 दिवसीय किन्नर महासम्मेलन में देशभर के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में किन्नर समाज के लोग पहुंचे हैं।
बताते हैं कि अखिल भारतीय किन्नर महासम्मेलन में देश भर से एकत्रित हुए किन्नर समाज के लोग अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर महामंथन करते हैं। वहीं देश और समाज के भलाई के लिए कामना भी करते हैं। किन्नर समाज की सुख समृद्धि की कामना को लेकर मंगलवार को कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें सभी किन्नर नाचते गाते पादरी बाजार से लगभग दो किलोमीटर तक पैदल यात्रा करते हुए गोड़धोइया पुल स्थित मजार पर गए। वहां मत्था टेका। उसके बाद अष्टभुजी माता के मंदिर पर गए। वहां पर भी दर्शन कर मत्था टेका। उसक बाद आरती जयकारा लगाया।
लोग फोटो लेते रहे और वीडियो बनाते रहे
किन्नर समाज को नाचते गाते देख काफी संख्या में लोग जुटे रहे। रास्ते भर लोगों ने अपने मोबाइल में वीडियो-तस्वीरें बनाते रहे। कलश यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था शाहपुर पुलिस के अलावा कई थाने की पुलिस फोर्स लगी रही। यातायात बाधित न हो इसके लिए ट्रैफिक पुलिस लगाई गई थी। कलश यात्रा में किन्नर समाज के लोगों पर पुष्प वर्षा भी किया गया और इनका आशीर्वाद लिया गया। किन्नरों ने कोरोना से हुए उथल-पुथल को शीघ्र ही सही होने की कामना की।
इन प्रदेशों से आए हैं किन्नर
किन्नर समाज की महामंडलेश्वर किरण गिरी और इस कार्यक्रम की आयोजक प्रेम नायक किन्नर का कहना है कि उनके इस सम्मेलन में राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्ली, पंजाब, कलकत्ता, उत्तराखंड, गुजरात, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से लोग आए हुए हैं। सम्मेलन के जरिए वह अपने यजमानों की सुख समृद्धि की कामना करते हैं। और इस बार विशेष रूप से देश से कोरोना खत्म होने की प्रार्थना भी कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में दिल्ली से आई प्रीति किन्नर और कानपुर से आई अंकिता किन्नर का कहना है कि इस कार्यक्रम का उनको सालों से इंतजार रहता है। गोरखपुर में सात साल बाद आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में वह जब अपने समाज के पूरे देश के लोगों से मिलते हैं। उन्हें काफी अच्छा लगता है। 11 दिन तक होने वाले इस कार्यक्रम में वह एक दूसरे से हुए गिले शिकवे भी मिटाते हैंं और हर तरफ जश्न का माहौल रहता है।