पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर अपनी संपत्तियां बेचेगा जीडीए
जीडीए की जिन संपत्तियों को खरीदार नहीं मिल रहे हैं उन्हें पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर बेचा जाएगा। इसमें खरीदार को कुछ लाभ भी मिल सकता है। गोरखपुर में जीडीए की कई ऐसी संपत्तियां हैं जिन्हें खरीददार नहीं मिल रहे हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कई बार विज्ञापन निकालने के बाद भी गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की जिन संपत्तियों को खरीदार नहीं मिल रहे हैं, 'उन्हें पहले आओ, पहले पाओ' की तर्ज पर बेचा जाएगा। इसमें खरीदार को कुछ लाभ भी मिल सकता है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में लागू इस व्यवस्था को जीडीए में लागू करने को लेकर जीडीए बोर्ड ने अनुमति दे दी है।
आनलाइन आवेदन की भी सुविधा
जीडीए बोर्ड में अलोकप्रिय संपत्तियों के निस्तारण के लिए प्रस्ताव शामिल किया गया था। इस प्रस्ताव में एलडीए की पहले आओ, पहले पाओ योजना को अंगीकृत करने का सुझाव था। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मान लिया। नई व्यवस्था में जीडीए की इस तरह की सभी संपत्तियां आनलाइन अपलोड होंगी। साफ्टवेयर में कुछ इस तरह से होगा कि जो संपत्ति पसंद आएगी, उसपर क्लिक कर आवेदन कर सकेंगे। इसके बाद आनलाइन ही भुगतान कर आवंटन पत्र प्राप्त कर लेंगे। वर्तमान व्यवस्था में जीडीए की ओर से संपत्तियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। आवेदन आने पर उसकी लाटरी की जाती है और उसी आधार पर संपत्ति का आवंटन होता है।
ऐसे घोषित होती है अलोकप्रिय संपत्ति
जिन संपत्तियों को कई बार आवेदन निकालने के बाद भी खरीदार नहीं मिलते हैं, उन्हें बाद में अलोकप्रिय घोषित किया जा सकता है। जीडीए में हर साल संपत्तियों की कीमत बढ़ाने की व्यवस्था है लेकिन जिन संपत्तियों के लिए कोई आवेदन नहीं करता है, उसकी कीमत को फ्रीज कर दिया जाता है। कीमत फ्रीज होने के बाद संपत्तियाें के दाम नहीं बढ़ते हैं। इसके बाद भी जब बिक्री नहीं होती तो अलोकप्रिय घोषित किया जाता है। जीडीए बोर्ड में पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर संपत्ति का आवंटन करते समय आवेदक को नियमानुसार कुछ और छूट मिल सकती है।
एलडीए में लागू पहले आओ, पहले पाओ व्यवस्था की तर्ज पर अलोकप्रिय संपत्तियों के निस्तारण की व्यवस्था यहां भी बनाई जाएगी। बोर्ड से इसे मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही इसको लेकर व्यवस्था बनाई जाएगी। - प्रेम रंजन सिंह, उपाध्यक्ष जीडीए।