जीडीए ने लागू की नई शमन नीति, शुल्क देेेेकर अवैध निर्माण को करा सकते हैं वैध Gorakhpur News
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने नई शमन नीति 2020 लागू कर दिया है। अब निर्धारित शुल्क देेेेकर अवैध निर्माण को वैध कराया जा सकता है।
गोरखपुर, जेएनएन। शासन की ओर से जारी नई शमन नीति 2020 को जीडीए ने स्वीकार कर लिया है। 21 जुलाई से छह महीने के लिए इसे लागू भी कर दिया गया लेकिन अभी तक एक भी आवेदन नहीं आया है। अवैध निर्माण वालों की ओर से रुचि न दिखाने के बाद प्राधिकरण सैकड़ों लोगों को नोटिस जारी करने की तैयारी में है। प्रथम चरण में उन्हें नोटिस दी जाएगी, जिन्हें पिछले दो साल में जारी की जा चुकी है। उन्हें शुल्क जमा कर शमन कराने को कहा जाएगा, ऐसा न करने की स्थिति में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी हो सकती है।
जीडीए द्वारा शमन नीति को स्वीकार किए 25 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक एक भी आवेदन शमन के लिए नहीं आया है। यह स्थिति तब है जब प्राधिकरण की ओर से कई भवन मालिकों को व्यक्तिगत रूप से फोन किया जा चुका है। लोगों के रुचि न दिखाने पर प्राधिकरण अब सख्ती के मूड में है।
शमन शुल्क से होते हैं विकास कार्य
शमन नीति का फायदा लोगों के साथ प्राधिकरण को भी मिलता है। अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए जमा किए जाने वाले शमन शुल्क से प्राधिकरण विकास कार्य कराता है। लंबे समय बाद यह अवसर आया है।
प्राधिकरण ने गठित की है टीम
प्राधिकरण की ओर से इस नीति के तहत आने वाले आवेदनों के निस्तारण के लिए विशेष प्रकोष्ठ के गठन किया गया है। टाउन प्लानर को इसका प्रमुख बनाया गया है। यह टीम लोगों की समस्याओं को सुलझाने के साथ इस काम मे तेजी लाएगी।
नियमों में कमियां तलाशने के लिए आर्किटेक्टों के साथ होगी बैठक
शमन नीति में तहत आवेदन न आने के पीछे कुछ तकनीकी पेच भी जिम्मेदार है। वर्तमान प्रावधानों के अनुसार अधिकतर अवैध निर्माण वैध नहीं हो सकते। केवल वैध कालोनियों के ऐसे निर्माण वैध हो सकेंगे, जिनके मालिकों की ओर से मानचित्र के साथ फायर, पर्यावरण सहित अन्य विभागों का अनापत्ति प्रमाण पत्र लगाया जाएगा। अवैध निर्माण के लिए सरकारी विभाग से अनापत्ति पाना आसान नहीं। अवैध कालोनियों के मकान को कोई राहत नहीं मिलेगी। आवासीय को व्यावसायिक में बदलने का भी प्रावधान नहीं है। नियमों को लेकर शहर के कुछ प्रमुख आर्किटेक्टों ने जीडीए में आपत्ति भी दर्ज कराई है। जिसके बाद प्राधिकरण उनके साथ बैठक करने जा रहा है। बैठक में आने वाले महत्वपूर्ण सुझावों के आधार पर नीति के प्रावधानों में बदलाव के लिए शासन को लिखा जा सकता है।
शमन नीति के तहत अभी तक कोई आवेदन नहीं आया है। प्राधिकरण की ओर से शुरू में उन लोगों को नोटिस जाएगी, जिन्हें पिछले दो साल में पहले भी जा चुकी है। निर्माण वैध न कराने पर कार्रवाई होगी। कुछ व्यावहारिक दिक्कतों की बात सामने आ रही है, उसको लेकर जल्द आर्किटेक्टों के साथ बैठक होगी। - अनुज सिंह, उपाध्यक्ष जीडीए।