Move to Jagran APP

पीएमयू गठित करने वाला यूपी का पहला प्राधिकरण बना जीडीए, विकास को नई ऊंचाई देने में मिलेगी मदद

लखनऊ की फर्म को पीएमयू की जिम्मेदारी मिली है। इससे योजनाओं को गति मिलेगी। इसके लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण हर महीने करीब 5.5 लाख रुपये का भुगतान करेगा। जीडीए की विभिन्न परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार करने से लेकर कार्ययोजना बनाने तक के काम में आसानी होगी।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Sun, 27 Nov 2022 09:10 AM (IST)Updated: Sun, 27 Nov 2022 09:10 AM (IST)
पीएमयू गठित करने वाला यूपी का पहला प्राधिकरण बना जीडीए, विकास को नई ऊंचाई देने में मिलेगी मदद
पीएमयू गठित करने वाला यूपी का पहला प्राधिकरण बना जीडीए। (फाइल)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। योजनाओं की कार्ययोजना तैयार करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने, प्रमुख योजनाओं की निगरानी करने से लेकर तकनीकी डेटा की व्याख्या करने का काम तेज हो सकेगा। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने इसके लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) का गठन किया है। जीडीए ऐसा करने वाला प्रदेश का पहला प्राधिकरण है। इसके लिए हर महीने प्राधिकरण को करीब 5.5 लाख रुपये खर्च करने होंगे और इससे 11 से 12 युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।

loksabha election banner

लखनऊ के फर्म को मिली पीएमयू की जिम्मेदारी

जीडीए में उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद महेंद्र सिंह तंवर ने आधुनिक कार्यशैली के लिए पीएमयू के गठन का निर्णय लिया। इसके लिए रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) जारी किया गया। करीब एक महीने में कई फर्मों की ओर से काम करने की इच्छा जताई गई। सबसे कम पैसे में काम करने के लिए लखनऊ की फर्म तैयार हुई। इस फर्म की ओर से करीब 5.5 लाख रुपये प्रतिमाह खर्च पर काम करने पर सहमति जताई है जबकि दूसरे नंबर पर बोली लगाने वाली गुरुग्राम की फर्म ने हर महीने करीब 17 लाख रुपये का खर्च दर्शाया था। जल्द ही लखनऊ की फर्म से अनुबंध कर काम शुरू कर दिया जाएगा। इससे योजनाएं जल्दी पूरी होंगी और लोगों को लाभ होगा।

पीएमयू में होंगे ये विशेषज्ञ

पीएमयू का नेतृत्व नगर नियोजक करेंगे। इस टीम में अर्बन डिजाइनर, ट्रांसपोर्ट प्लानर, सिविल इंजीनियर, स्ट्रक्चरल इंजीनियर, वित्त विशेषज्ञ व रिमोर्ट सेंसिंग विशेषज्ञ आदि शामिल होंगे। वर्तमान में जीडीए में आर्किटेक्ट एवं स्ट्रक्चरल इंजीनियर का पैनल गठित है, उन्हीं से काम कराया जाता है।

तीन साल के लिए गठित है पीएमयू

पीएमयू की स्थापना तीन साल के लिए की जाएगी। बाद में इसे दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसके सदस्यों को प्राधिकरण समय-समय पर बदल भी सकेगा।

यह होगा फायदा

जीडीए की आने वाली समूह आवासीय योजना, सांस्थानिक प्रशासनिक भवन, नगर नियोजन आदि परियोजनाओं का विस्तृत सर्वे करेगी। विस्तृत डिजाइन, ड्राइंग एवं टेंडर प्रपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी भी इसी यूनिट के पास होगी।

क्या कहते हैं अधिकारी

जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि पीएमयू के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। फर्म का चयन किया जा चुका है और जल्द ही काम भी शुरू कर दिया जाएगा। परियोजनाओं को अब और तेज व बेहतर तरीके से पूरा किया जा सकेगा। जीडीए ऐसा पहला प्राधिकरण है जहां पीएमयू गठित होने जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.