गोरखपुर शहर की चौहद्दी बढ़ाने में जुटा जीडीए- कौड़ीराम, बांसगांव, खजनी और कैंपियरगंज तक होगी जीडीए की सीमा
गोरखपुर विकास प्राधिकरण अपनी सीमा का विस्तार करने जा रहा है। इस बार कौड़ीराम बांसगांव खजनी और कैंपियरगंज तक जीडीए की सीमा का विस्तार होगा। इससे शहर के नियोजित विकास को बल मिलेगा और जीडीए की आमदनी भी बढ़ेगी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) अपनी सीमा को और बढ़ाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने में जल्द जुटेगा। लखनऊ से लौटने के बाद जीडीए के अधिकारी इस दिशा में काम आगे बढ़ाएंगे। कौड़ीराम, बांसगांव, कैंपियरगंज, खजनी जैसे कस्बों तक जीडीए का दायरा होगा। इस विस्तार को स्वीकृति मिलने के बाद जीडीए का क्षेत्रफल एक हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक हो जाएगा।
अभी यहां तक है जीडीए की सीमा
वर्तमान में जीडीए की सीमा में मुंडेरा बाजार (चौरी चौरा) नगर पंचायत, पीपीगंज एवं पिपराइच नगर पंचायत भी शामिल हैं। यहां तक के क्षेत्र भी जीडीए की सीमा में हैं। प्राधिकरण का क्षेत्रफल करीब 642 वर्ग किलोमीटर है और 319 गांव इसमें शामिल हैं। महायोजना 2031 के प्रारूप का पहला चरण बनकर तैयार है। इसमें करीब 300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल को शामिल किया गया है। दूसरे चरण में शेष क्षेत्रफल शामिल किया जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया था निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले गोरखनाथ मंदिर में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए जीडीए को सीमा विस्तार करने का निर्देश दिया था। इसमें कुछ तहसील मुख्यालयों तक के क्षेत्र को शामिल कर सुनियोजित विकास का निर्देश दिया गया था। इस निर्देश के बाद जीडीए के अधिकारियों ने सीमा विस्तार के लिए प्रस्ताव बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। लखनऊ के इंदिरा भवन में आयोजित कांक्लेव में जीडीए के अधिकारियों के जाने के कारण इसपर काम शुरू नहीं हो पाया है। सोमवार से सभी अधिकारी कार्यालय में मौजूद रहेंगे और सीमा विस्तार पर काम शुरू होगा।
शासन को शीघ्र भेजा जाएगा प्रस्ताव
लखनऊ में कांक्लेव में सभी प्राधिकरणों का प्रतिनिधित्व था। इसका उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी को सीमा विस्तार करने एवं पूरे जिले के नियोजित विकास पर ध्यान देने को कहा। कांक्लेव से लौटने के बाद अब पूरा फोकस विस्तार पर होने वाला है। जीडीए के सचिव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सीमा विस्तार करने एवं विभिन्न तहसील मुख्यालयों तक के क्षेत्र को शामिल करने को कहा है। इसको लेकर जल्द ही सर्वे कराकर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा और स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा।