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गोरखपुर में पहली बार गैसीफायर विधि से हुआ अंतिम संस्कार Gorakhpur News

गोरखपुर में कोरोना संक्रमण से हुई मौत के बाद पार्थिव शरीर लेकर मुक्तेश्वर नाथ घाट पहुंचे लोगों को प्रशासन ने काफी राहत दी। घाट पर सात शवों का परंपरागत विधि से अंतिम संस्कार किया गया। नगर निगम ने यहां गैसीफायर और एलपीजी आधारित शवदाह प्लांट लगाए हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 11:05 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 11:05 AM (IST)
गोरखपुर में पहली बार गैसीफायर विधि से हुआ अंतिम संस्कार Gorakhpur News
गोरखपुर में पहली बार गैसीफायर प्लांट से अंतिम संस्‍कार किया गया। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। राप्ती तट स्थित मुक्तेश्वर नाथ घाट पर स्थापित गैसीफायर प्लांट में पहली बार दो शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। कोरोना संक्रमण से हुई मौत के बाद पार्थिव शरीर लेकर स्वजन मुक्तेश्वर नाथ घाट पहुंचे थे। घाट पर सात अन्य शवों का परंपरागत विधि से अंतिम संस्कार किया गया। नगर निगम ने एक करोड़ छह लाख रुपये की लागत से गैसीफायर और एलपीजी आधारित शवदाह प्लांट लगाए हैं।

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नगर निगम प्रशासन वहन करेगा खर्च

बुधवार को विभिन्न स्थानों से नौ शव एकला बांध पर ले आए गए थे। इन सभी की मौत कोरोना संक्रमण से हुई थी। नगर निगम के कर्मचारियों ने अच्छी सुविधा की जानकारी देकर शव मुक्तेश्वर नाथ घाट पहुंचाया। मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र ने बताया कि बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में कोरोना से मौत की सूचना एसडीएम के माध्यम से नगर निगम प्रशासन को दी जाती है। अंतिम संस्कार के लिए एकला बांध और मुक्तेश्वर नाथ घाट पर नगर निगम ने इंतजाम किए हैं। यदि स्वजन रुपये देने में असमर्थ हैं तो गैसीफायर विधि से अंतिम संस्कार का भी खर्च नगर निगम प्रशासन खुद वहन करेगा। 

मेडिकल कालेज प्रशासन से की जाएगी बात

महापौर सीताराम जायसवाल ने कहा कि गैसीफायर और एलपीजी आधारित प्लांट में शवदाह के लिए मेडिकल कालेज प्रशासन से बात की जाएगी। कहा जाएगा कि शव मुक्तेश्वर नाथ घाट पर भेजें। स्वजन की अनुमति के बाद कोरोना से मौत की स्थिति में आधुनिक विधि से अंतिम संस्कार किया जाएगा। एलपीजी आधारित प्लांट में भी कोरोना संक्रमण से मौत होने पर अंतिम संस्कार कराया जाएगा। परंपरागत की तरह इस विधि से भी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी कराई जाती है। इस विधि से वायु और जल प्रदूषण भी नहीं होता है।


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