Move to Jagran APP

Lockdown 3: गोरखपुर में फर्जी पास बनाने के खेल का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार Gorakhpur News

Lockdown 3 लॉकडाउन में फर्जी पास बनाने वाले दो लोगों को पुलिस ने गोरखपुर में गिरफ्तार किया हे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 01:04 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 03:21 PM (IST)
Lockdown 3: गोरखपुर में फर्जी पास बनाने के खेल का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार Gorakhpur News
Lockdown 3: गोरखपुर में फर्जी पास बनाने के खेल का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में दुकान खोलने की अनुमति देने का फर्जी पास बनाने के खेल का तिवारीपुर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इस मामले में फर्जी पास बनाने का मास्टर माइंड और फर्जी पास पर दुकान खोलने वाले मीट विक्रेता को गिरफ्तार किया गया है।

loksabha election banner

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर फर्जी पास बनाने के आरोप में कोतवाली इलाके के बेनीगंज मोहल्ला निवासी अनस तथा मीट विक्रेता जाफरा बाजार, तिवारीपुर निवासी मोहम्मद इस्लाम को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। मास्टर माइंड के कब्जे से फर्जी पास बनाने में इस्तेमाल होने वाला लैपटॉप, पैन ड्राइव और दो लोगों के नाम से बना फर्जी पास बरामद किया गया है। वह मोटी रकम लेकर दुकान खोलने की अनुमति का फर्जी पास बनाकर दुकानदारों को देता था।

ऐसे पकड़ में आया फर्जीवाड़े का खेल

लॉकडाउन में दुकान खोलने के लिए सीमित संख्या में पास जारी करने के बाद शहर में बड़ी संख्या में दुकानें खुल रही थीं। जगह-जगह दुकान खुलने का संज्ञान लेकर अधिकारियों ने इसकी जांच का आदेश दिया था। इसी बीच तिवारीपुर पुलिस ने जाफरा बाजार में घर के अंदर दुकान खोलकर मीट बेच रहे मोहम्मद इस्लाम को पकड़ा। पूछताछ में उसने दुकान खोलने के लिए जिला प्रशासन से पास बनाने का दावा किया। अपने पास मौजूद पास भी उसने दिखाया। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि जिला प्रशासन ने मीट की दुकान खोलने के लिए कोई पास जारी नहीं किया है। इसके बाद कड़ाई से पूछताछ करने पर मोहम्मद इस्लाम ने अनस की मदद से पास बनवाने की जानकारी दी। इस आधार पर अनस को गिरफ्तार किया गया।

खास साफ्टवेयर से स्कैन करता था हस्ताक्षर और मुहर

जिलाधिकारी ने एडीएम एफआर को पास जारी करने के लिए अधिकृत कर रखा है। पास फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड अनस हूबहू उन्हीं का हस्ताक्षर किया हुआ और मुहर लगाकर फर्जी पास तैयार करता था। इस बारे में पूछताछ करने पर उसने बताया कि कोरल ड्रा साफ्टवेयर की मदद से वह अधिकारी का हस्ताक्षर और उनके पदनाम की मुहर को स्कैन कर फर्जी पास तैयार करता था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.