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सपाइयों के आगे नगर निगम ने घुटना टेका, अंतिम संस्कार पर अब नहीं लगेगा सुविधा शुल्क Gorakhpur News

नगर निगम के इस कार्य से हो रही परेशानियों को देखते हुए सपा व निर्दलीय पार्षद कई दिनों से विरोध कर रहे थे। उसके बाद शुल्‍क न लेने का निर्देश जारी हो गया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 08:38 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 08:38 PM (IST)
सपाइयों के आगे नगर निगम ने घुटना टेका, अंतिम संस्कार पर अब नहीं लगेगा सुविधा शुल्क Gorakhpur News
सपाइयों के आगे नगर निगम ने घुटना टेका, अंतिम संस्कार पर अब नहीं लगेगा सुविधा शुल्क Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। राजघाट के राप्ती तट स्थित नगर निगम के शवदाह गृहों पर अंतिम संस्कार के समय ली जाने वाली धनराशि अब नही ले जाएगी। नगर आयुक्त ने इसको लेकर निर्देश दे दिया है। इससे पहले निगम प्रशासन ने कहा था कि शुल्क नहीं सक्षम लोगों से सहयोग राशि ली जा रही थी।

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चार सौ रुपये लिए जाते थे शुल्‍क

नगर निगम की ओर से संचालित लकड़ी आधारित शवदाह स्थल पर अंतिम संस्कार के लिए 400 रुपये लिए जाते थे। इसके बदले सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती थीं। इतना ही नहीं, इसका शुल्‍क और भी बढ़ाया जाने वाला था। नगर निगम के इस कार्य से आम नागरिक काफी परेशान थे। आम नागरिकों को उम्‍मीद नहीं थी कि मुख्‍यमंत्री के शहर में शवदा के लिए लोगों को शुल्‍क देना पड़ेगा। कुछ लोगों ने इस पर एतराज भी किया था।

सपाई कर रहे थे कई दिन से विरोध

नगर निगम के इस कार्य से हो रही परेशानियों को देखते हुए सपा व निर्दलीय पार्षद कई दिनों से विरोध कर रहे थे। नाराज पार्षदों ने मंगलवार को भिक्षाटन भी किया था। उनका कहना था की निगम बोर्ड व कार्यकारिणी से इसकी अनुमति नहीं ली गई थी। पार्षदों ने कहा कि अगर निगम को शुल्क लेना है तो इसे बोर्ड व कार्यकारिणी से पास कराना होगा। बुधवार को समाजवादी पार्टी के पार्षदों ने भिक्षाटन कर जुटाए गए 4200 रुपये नगर आयुक्त को सौंपा। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम, विश्वजीत त्रिपाठी सोनू, अशोक यादव, सवी कुमार, मोहम्मद अख्तर आदि मौजूद रहे।

शुल्क नहीं सहयोग राशि थी : नगर आयुक्त

नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि अंतिम संस्कार के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा था। जो लोग देने में सक्षम हैं, उनसे ही सहयोग राशि ली जाती थी। इससे सफाई कराने के साथ ही कर्मकांड के लिए पंडित व डोम की भी सुविधा दी जाती थी।


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