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चार माह बाद दिल्ली रवाना हुआ फ्रांसीसी परिवार, भोजपुरी में बोले-महान ह भारत, मौका मिली त फिरो आइब Gorakhpur News

यहां के लोगों से दूर जाने का गम इनके चेहरे पर स्पष्ट झलक रहा था। परिवार के मुखिया पैट्रीस ने कहा कि भारत की बहुत याद आएगी।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 06:17 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 08:10 PM (IST)
चार माह बाद दिल्ली रवाना हुआ फ्रांसीसी परिवार, भोजपुरी में बोले-महान ह भारत, मौका मिली त फिरो आइब Gorakhpur News
चार माह बाद दिल्ली रवाना हुआ फ्रांसीसी परिवार, भोजपुरी में बोले-महान ह भारत, मौका मिली त फिरो आइब Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। 22 मार्च से महाराजगंज जनपद के कोल्हुआ उर्फ सिंघोरवा गांव के शिव मंदिर में आसरा लेने वाला फ्रांसीसी परिवार सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गया। चार महीने से अधिक समय तक यहां रहने के दौरान फ्रांसीसी परिवार ने भोजपुरी भी सीखी और सनातम धर्म को भी जाना। गांव वालों के आतिथ्य सत्कार से अभिभूत परिवार के मुखिया पैट्रीस पैलारे ने भोजपुरी में कहा कि ... महान ह भारत, मौका मिली त फिरो आइब..। पत्नी और दो पुत्रियों के साथ भारत भ्रमण पर आए पैट्रीस यहां से दिल्ली के लिए निकले हैं। वहां फ्रांसीसी दूतावास में वीजा अवधि बढ़वाने का प्रयास करेंगे। वीजा अवधि बढ़ी तो वह फिर सिंघोरवा आएंगे और नेपाल जाएंगे। उन्हें आशा है कि 17 अगस्त तक भारत-नेपाल सीमा खुल सकती है।

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बीते चार माह से महराजगंज जिले के कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा के शिवमंदिर परिसर में रह रहे फ्रांसीसी परिवार के सदस्य सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए। दिल्ली में स्थित दूतावास से अपने वीजा के संबंध में जानकारी प्राप्त कर इनके द्वारा यात्रा को आगे बढ़ाने की योजना है। फ्रांसीसी परिवार के भारत में रुकने की वीजा अवधि बीते 25 मार्च को समाप्त हो चुकी है। यह लोग फ्रांसीसी दूतावास के माध्यम से वीजा अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन किए हैं। लेकिन अभी स्वीकृति नहीं मिल पाई है।

यहां मिला प्‍यार अन्‍य देश में सभंव नहीं

दोपहर में विदाई के समय परदेसी मेहमान ग्रामीणों से मिले आतिथ्य सत्कार से अभिभूत दिखे। यहां के लोगों से दूर जाने का गम इनके चेहरे पर स्पष्ट झलक रहा था। परिवार के मुखिया पैट्रीस ने कहा कि भारत की बहुत याद आएगी। यहां के लोगों से जो प्यार मिला वह अन्य किसी देश में संभव नहीं है। इंडिया इज ग्रेट। उनकी मदद के लिए कोल्हुआ गांव का युवा संजय भी साथ गया है।

फरवरी माह से भ्रमण पर निकला है पैट्रीस पैलारे का कुनबा

फ्रांस के टूलोज शहर से विश्व भ्रमण का सपना संजोए पैट्रीस पैलारे उनकी पत्नी वर्जिनी, बेटियां ओफली, लोला व बेटा टाम बीते फरवरी माह में अपने वाहन से भ्रमण पर निकले हुए हैं। 21 मार्च को यह लोग सोनौली सीमा पर पहुंचे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते भारत-नेपाल सीमा सील हो गई थी। सीमा सील होने के कारण फ्रांसीसी परिवार नेपाल नहीं जा सका। इसके बाद इन लोगों ने पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा गांव के शिवमंदिर परिसर में शरण लिया। शुरू में भाषा संकट के चलते इन लोगों की ग्रामीणों से इशारों में बात होती थी। समय बीतने के साथ परिवार के सदस्य काफी हद तक हिंदी व भोजपुरी में भी संवाद करने लगे। मंदिर के पुजारी बाबा हरिदास ने कहा कि चार माह में यह लोग ग्रामीणों से काफी घुल मिल गए थे। इनके जाने का दुख है। खुशी इस बात की है कि ये लोग अपने वतन जा रहे हैं। 


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