गोरखपुर में दो पहिया सवारों को मिलेगा निश्शुल्क हेलमेट
गोरखपुर शहर में यातायात पुलिस एक नई पहल करने जा रही है। दिल्ली की एक कंपनी से बात हो गई है। अब वह मुफत में हेलमेट देगी।
By Edited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 10:18 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 10:18 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। नागरिकों को बेहतर यातायात की सुविधा मिले और उनका जीवन भी सुरक्षित रहे इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने एसपी यातायात के निर्देशन में खास कार्ययोजना तैयार की है। इसी क्रम में दो पहिया वाहन चालकों को निश्शुल्क हेलमेट दिए जाएंगे। पहले चरण में लगभग सौ लोगों को हेलमेट वितरित किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली की कंपनी से बात हो चुकी है। आटो चालकों के लिए नए नियम महानगर में आटो संचालन के लिए यातायात विभाग चालकों को पहचान पत्र जारी करेगा।
बगैर पहचान पत्र के चालक आटो का संचलन नहीं कर सकेंगे। ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी आइ कार्ड में जीकेपी-टीपी के बाद क्रम संख्या का विवरण होगा। इसका मकसद यात्रियों को पूर्ण सुरक्षा देना है, ताकि किसी भी घटना के वक्त आटो चालक की तुरंत पहचान हो सके। गोरखपुर शहर में लगभग पांच हजार आटो का संचालन हो रहा है। सभी आटो चालकों के ब्लड ग्रुप टेस्ट कराए जा रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस द्वारा 1400 आटो चालकों का ब्लड टेस्ट करा लिया गया है। यह कार्य पूरा होने के बाद यातायात पुलिस उन्हें एक आइकार्ड देगी।
आटो चालकों को पहचान पत्र जारी होने से यात्रियों के साथ होने वाली घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लग जाएगा। इससे किसी भी आटो चालक की तुरंत पहचान हो सकेगी। अगर किसी यात्री का कोई सामान भी गायब होता है तो संबंधित आटो चालक टै्रफिक पुलिस की गिरफ्त में होगा।
व्यापारियों द्वारा किया गया अतिक्रमण भी जाम का कारण व्यापारियों द्वारा सड़कों पर अतिक्रमण किए जा रहे अतिक्रमण को दूर करने के लिए भी व्यापारियों से लगातार वार्ता की जा रही है। विभाग की माने तो कई जगहों पर व्यापारियों ने अपनी सहमति भी दे दी है। चौराहों पर आटो रोक सवारियां भरना भी आटो चालकों के लिए भले ही सामान्य बात हो लेकिन इससे यातायात के सफल संचालन में काफी परेशानियां हो रही हैं। बेहतर यातायात के लिए विभाग के पास सीमित संसाधन हैं। ऐसे में एसपी ट्रैफिक ने व्यवस्था दुरुस्त करने की कमान खुद ही संभाल ली है। पैड़लेगंज में लगने वाले जाम को दूर करने के लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था कराई है। अब उनका प्रयास है कि यहां पर स्थाई डिवाइडर बना दिया जाए।
इसके लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण और नगर निगम से वार्ता कर स्थाई बैरिकेडिंग की बात हो गई है। मोहद्दीपुर, काली मंदिर, गणेश चौराहा, कचहरी चौराहा, बेतियाहाता व अंबेडकर चौराहा पर ट्रैफिक सिग्नल से ही यातायात का संचालन किया जाएगा। रक्तदान शिविर भी लगेगा पुलिस अधीक्षक यातायात आदित्य प्रकाश वर्मा का कहना है कि आटो चालकों के लिए रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया जाएगा। इसका मकसद किसी भी आकस्मिक स्थिति में पर्याप्त मात्रा में ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। अगर कहीं पर आटो चालक या यात्री दुर्घटना के शिकार होते हैं तो उन्हें ब्लड देने में सहूलियत होगी। महानगर में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए टै्रफिक सिग्नल का इस्तेमाल अनिवार्य किया जा रहा है। जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम देखने का मिलेंगे।
बगैर पहचान पत्र के चालक आटो का संचलन नहीं कर सकेंगे। ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी आइ कार्ड में जीकेपी-टीपी के बाद क्रम संख्या का विवरण होगा। इसका मकसद यात्रियों को पूर्ण सुरक्षा देना है, ताकि किसी भी घटना के वक्त आटो चालक की तुरंत पहचान हो सके। गोरखपुर शहर में लगभग पांच हजार आटो का संचालन हो रहा है। सभी आटो चालकों के ब्लड ग्रुप टेस्ट कराए जा रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस द्वारा 1400 आटो चालकों का ब्लड टेस्ट करा लिया गया है। यह कार्य पूरा होने के बाद यातायात पुलिस उन्हें एक आइकार्ड देगी।
आटो चालकों को पहचान पत्र जारी होने से यात्रियों के साथ होने वाली घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लग जाएगा। इससे किसी भी आटो चालक की तुरंत पहचान हो सकेगी। अगर किसी यात्री का कोई सामान भी गायब होता है तो संबंधित आटो चालक टै्रफिक पुलिस की गिरफ्त में होगा।
व्यापारियों द्वारा किया गया अतिक्रमण भी जाम का कारण व्यापारियों द्वारा सड़कों पर अतिक्रमण किए जा रहे अतिक्रमण को दूर करने के लिए भी व्यापारियों से लगातार वार्ता की जा रही है। विभाग की माने तो कई जगहों पर व्यापारियों ने अपनी सहमति भी दे दी है। चौराहों पर आटो रोक सवारियां भरना भी आटो चालकों के लिए भले ही सामान्य बात हो लेकिन इससे यातायात के सफल संचालन में काफी परेशानियां हो रही हैं। बेहतर यातायात के लिए विभाग के पास सीमित संसाधन हैं। ऐसे में एसपी ट्रैफिक ने व्यवस्था दुरुस्त करने की कमान खुद ही संभाल ली है। पैड़लेगंज में लगने वाले जाम को दूर करने के लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था कराई है। अब उनका प्रयास है कि यहां पर स्थाई डिवाइडर बना दिया जाए।
इसके लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण और नगर निगम से वार्ता कर स्थाई बैरिकेडिंग की बात हो गई है। मोहद्दीपुर, काली मंदिर, गणेश चौराहा, कचहरी चौराहा, बेतियाहाता व अंबेडकर चौराहा पर ट्रैफिक सिग्नल से ही यातायात का संचालन किया जाएगा। रक्तदान शिविर भी लगेगा पुलिस अधीक्षक यातायात आदित्य प्रकाश वर्मा का कहना है कि आटो चालकों के लिए रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया जाएगा। इसका मकसद किसी भी आकस्मिक स्थिति में पर्याप्त मात्रा में ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। अगर कहीं पर आटो चालक या यात्री दुर्घटना के शिकार होते हैं तो उन्हें ब्लड देने में सहूलियत होगी। महानगर में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए टै्रफिक सिग्नल का इस्तेमाल अनिवार्य किया जा रहा है। जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम देखने का मिलेंगे।
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