फर्जी अभिलेख पर नौकरी करने वाला शिक्षक बर्खास्त, आठ साल से थी तैनाती
एक शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर आठ साल से नौकरी करता रहा। वह वेतन भी लेता रहा। शिकायत के बाद हुई जांच में उसे बर्खास्त कर दिया गया।
By Edited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 04:11 PM (IST)Updated: Wed, 27 Mar 2019 08:36 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। बस्ती जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी नाम और पते पर नौकरी करने वाले शिक्षक का भंडाफोड़ हो गया। जिले के गौर विकास खंड के कटया जूनियर हाईस्कूल में आठ साल से तैनात विपिन कुमार गुप्त नामक सहायक अध्यापक फर्जी निकला। जांच में पुष्टि के बाद विभाग ने तत्काल प्रभाव से संबंधित शिक्षक को बर्खास्त कर दिया है। दरअसल विपिन कुमार गुप्त वास्तविक रूप से केंद्रीय विद्यालय गोरखपुर में प्रवक्ता के पद पर तैनात हैं।
उनके पैन कार्ड में लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा बस्ती के कार्यालय से आमदनी शो होने लगी। इसकी उन्होंने लिखित शिकायत की। इस पर विभाग चौकन्ना हो गया। पता चला कि इसी नाम पर एक सहायक अध्यापक जूनियर हाईस्कूल कटया में तैनात है। इस पर विभाग ने संबंधित शिक्षक के प्रमाण पत्र और चयन प्रक्रिया की जांच शुरू कर दी। पाया गया कि 2010 में उक्त शिक्षक विपिन कुमार गुप्त के कूटरचित दस्तावेज पर नौकरी हथिया ली थी।
विभाग ने जब संबंधित शिक्षक के दर्शाए गए पता तुंगपार, खलीलाबाद जनपद संतकबीरनगर पत्राचार किया तो यह भी फर्जी निकला। वहीं संबंधित शिक्षक से तीन बार स्पष्टीकरण तलब किया गया। लेकिन शिक्षक ने कोई जवाब नहीं दिया। बीएसए अरुण कुमार ने तत्काल प्रभाव से संबंधित शिक्षक को बर्खास्त कर दिया है। इस कार्रवाई से विभाग में हलचल मची हुई है। कुछ और भी संदिग्ध शिक्षक विभाग के राडार पर हैं।
लेखाधिकारी से मांगा गया वेतन विवरण फर्जी तरीके से नौकरी करने वाले शिक्षक द्वारा वर्ष 2010 से लेकर अब तक प्राप्त किए गए वेतन का ब्योरा लेखाधिकारी से मांगा गया है। इस आधार पर रिकवरी होगी। बीएसए के अनुसार बीईओ गौर को संबंधित शिक्षक के खिलाफ एफआइआर कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
उनके पैन कार्ड में लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा बस्ती के कार्यालय से आमदनी शो होने लगी। इसकी उन्होंने लिखित शिकायत की। इस पर विभाग चौकन्ना हो गया। पता चला कि इसी नाम पर एक सहायक अध्यापक जूनियर हाईस्कूल कटया में तैनात है। इस पर विभाग ने संबंधित शिक्षक के प्रमाण पत्र और चयन प्रक्रिया की जांच शुरू कर दी। पाया गया कि 2010 में उक्त शिक्षक विपिन कुमार गुप्त के कूटरचित दस्तावेज पर नौकरी हथिया ली थी।
विभाग ने जब संबंधित शिक्षक के दर्शाए गए पता तुंगपार, खलीलाबाद जनपद संतकबीरनगर पत्राचार किया तो यह भी फर्जी निकला। वहीं संबंधित शिक्षक से तीन बार स्पष्टीकरण तलब किया गया। लेकिन शिक्षक ने कोई जवाब नहीं दिया। बीएसए अरुण कुमार ने तत्काल प्रभाव से संबंधित शिक्षक को बर्खास्त कर दिया है। इस कार्रवाई से विभाग में हलचल मची हुई है। कुछ और भी संदिग्ध शिक्षक विभाग के राडार पर हैं।
लेखाधिकारी से मांगा गया वेतन विवरण फर्जी तरीके से नौकरी करने वाले शिक्षक द्वारा वर्ष 2010 से लेकर अब तक प्राप्त किए गए वेतन का ब्योरा लेखाधिकारी से मांगा गया है। इस आधार पर रिकवरी होगी। बीएसए के अनुसार बीईओ गौर को संबंधित शिक्षक के खिलाफ एफआइआर कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें