यहां की शिक्षिका के पैन कार्ड पर बलरामपुर में निकल रहा वेतन, जानें- क्या है मामला Gorakhpur News
गोरखपुर की एक महिला शिक्षक के पैनकार्ड से बलरामपुर में तैनात किसी शिक्षक का वेतन भुगतान हो रहा है। महिला शिक्षक ने इसकी शिकायत की है।
By Edited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 08:43 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 11:19 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों की जांच के बीच एक और मामला प्रकाश में आया है। पिपरौली ब्लॉक की एक महिला शिक्षक ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लिखित शिकायत की है कि उनके पैन कार्ड पर बलरामपुर बेसिक शिक्षा कार्यालय से कोई वेतन प्राप्त कर रहा है। संदेह जताया जा रहा है कि बलरामपुर में कोई फर्जी तरीके से नौकरी कर रहा है, जिसमें महिला शिक्षक के शैक्षणिक प्रपत्रों का प्रयोग किया गया है।
पिपरौली क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय नंदापार की प्रधानाध्यापक अर्चना पांडेय एक जुलाई 2010 से इस पद पर कार्यरत हैं। उनकी प्रथम नियुक्ति चार जनवरी 2006 को गोला क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बेवरी में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी। अपने पत्र में अर्चना ने बताया कि जब उन्होंने आइटीआर दाखिल करने के लिए टीडीएस भरा तो यह बात पता चली कि उनके पैन कार्ड (एवीपीपीपी0158ए) नंबर से किसी अन्य व्यक्ति का वेतन भी निकल रहा है। यह व्यक्ति जिला बेसिक शिक्षा परिषद बलरामपुर में कार्यरत है। माना जा रहा है कि बलरामपुर में कार्यरत व्यक्ति ने पहले ही आइटीआर दाखिल कर दिया होगा, जिससे यह मामला प्रकाश में आ गया।
विभाग इस मामले में पत्र बलरामपुर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजकर जांच के लिए कहेगा। प्रकाश में आ चुके हैं दूसरे के पैन कार्ड पर नौकरी के दर्जनों मामले दूसरे के पैन कार्ड पर नौकरी करने के दर्जन भर से अधिक मामले प्रकाश में आ चुके हैं। दूसरे जिलों में कार्यरत शिक्षक के नाम पर गोरखपुर में वेतन निकलने की कई शिकायतें हुई थीं। जांच में शिकायतकर्ता सही मिले थे और दूसरा व्यक्ति फर्जी। गोरखपुर में कई पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हो चुकी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह ने इस संबंध में कहा कि महिला शिक्षक ने उनके पैन कार्ड का बलरामपुर में उपयोग होने की शिकायत की है। मामले की जांच कराई जाएगी।
पिपरौली क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय नंदापार की प्रधानाध्यापक अर्चना पांडेय एक जुलाई 2010 से इस पद पर कार्यरत हैं। उनकी प्रथम नियुक्ति चार जनवरी 2006 को गोला क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बेवरी में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी। अपने पत्र में अर्चना ने बताया कि जब उन्होंने आइटीआर दाखिल करने के लिए टीडीएस भरा तो यह बात पता चली कि उनके पैन कार्ड (एवीपीपीपी0158ए) नंबर से किसी अन्य व्यक्ति का वेतन भी निकल रहा है। यह व्यक्ति जिला बेसिक शिक्षा परिषद बलरामपुर में कार्यरत है। माना जा रहा है कि बलरामपुर में कार्यरत व्यक्ति ने पहले ही आइटीआर दाखिल कर दिया होगा, जिससे यह मामला प्रकाश में आ गया।
विभाग इस मामले में पत्र बलरामपुर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजकर जांच के लिए कहेगा। प्रकाश में आ चुके हैं दूसरे के पैन कार्ड पर नौकरी के दर्जनों मामले दूसरे के पैन कार्ड पर नौकरी करने के दर्जन भर से अधिक मामले प्रकाश में आ चुके हैं। दूसरे जिलों में कार्यरत शिक्षक के नाम पर गोरखपुर में वेतन निकलने की कई शिकायतें हुई थीं। जांच में शिकायतकर्ता सही मिले थे और दूसरा व्यक्ति फर्जी। गोरखपुर में कई पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हो चुकी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह ने इस संबंध में कहा कि महिला शिक्षक ने उनके पैन कार्ड का बलरामपुर में उपयोग होने की शिकायत की है। मामले की जांच कराई जाएगी।
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