फर्जी अंकपत्र पर नौकरी करने वाले चार शिक्षक बर्खास्त, नवनियुक्त शिक्षकों से शपथपत्र लेने के बाद मिलेगा वेतन
गोरखपुर में सत्यापन में चार और शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिलने पर इनकी सेवा समाप्त कर दी गई। इनमें से एक ने जहां दूसरे के अंकपत्र पर नौकरी हासिल की थी वहीं दो के अंकपत्र व एक जांच के दौरान उपस्थित नहीं होने के कारण सेवा समाप्त की गई।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में फर्जी अंकपत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर लगातार हो रही कार्रवाई से बर्खास्त होने वाले शिक्षकों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। सत्यापन में चार और शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिलने पर बीएसए ने इनकी सेवा समाप्त कर दी। इनमें से एक ने जहां दूसरे के अंकपत्र पर नौकरी हासिल की थी वहीं दो के अंकपत्र व एक जांच के दौरान उपस्थित नहीं होने के कारण सेवा समाप्त की गई है।
इन पर हुई कार्रवाई
बेलघाट ब्लाक के पूमावि हरदत्तपुर की सहायक शिक्षक बृंदारानी इंटर का फर्जी अंक पत्र के सहारे वर्षों से नौकरी कर रहीं थी। जबकि उरुवा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय इमलीडीह बुजुर्ग के शिक्षक संतोष कुमार तिवारी 2011 के यूपीटीईटी के फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी कर रहे थे। इनके अलावा बड़हलगंज ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय खोहिया में तैनात आशीष कुमार सिंह दूसरे के अंकपत्र का उपयोग कर नौकरी कर रहे थे। जबकि इसी नाम से असली शिक्षक जौनपुर में कार्यरत हैं। इसी प्रकार ब्रह्मपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय बैजूडीहा में प्रधानाध्यापक के रूप तैनात अजय कुमार सिंह के लंबे समय से गायब रहने व जांच में उपस्थित नहीं होने के कारण सेवा समाप्त कर दी गई।
खंड शिक्षाधिकारियों की जांच में आरोप पुष्ट होने पर चारों शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई है। फर्जी अंकपत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। - भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए।
अभी भी 525 शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का होना है सत्यापन
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार शिक्षक भर्ती के तहत नवनियुक्त शिक्षकों का शपथपत्र लेकर वेतन भुगतान करना विभाग के लिए बड़ी चुनौती होगी। बुधवार को जारी शासनादेश में स्नातक व बीएड के अंकपत्र का यदि सत्यापन हुआ तो शपथपत्र देकर उन्हें वेतन दिया जा सकता है। जबकि शासन यह मान कर चल रहा है कि हाईस्कूल व इंटर के अंकपत्र आनलाइन हैं ऐसे में उनका सत्यापन बोर्ड को बिना अंक भेजे हो जाएगा। अब विभाग के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि नवनियुक्त शिक्षकों में लगभग 40 फीसद के अंकपत्र 2003 के पूर्व हैं जो आनलाइन नहीं हैं। ऐसे में उन शिक्षकों को बिना सत्यापन के वेतन कैसे दिया जाए।
कई शिक्षकों के हाईस्कूल व इंटर के अंकपत्र आनलाइन नहीं होने से आएगी समस्या
गोरखपुर में 69 हजार शिक्षक भर्ती के तहत 1125 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। इसमें से छह सौ शिक्षकों का वेतन अंकपत्रों के सत्यापन करने के बाद आहरित हो रहा है। जबकि 525 शिक्षक अभी भी वेतन के लिए अंकपत्रों के सत्यापन का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में जिन शिक्षकों के हाईस्कूल व इंटर के अंकपत्र 2003 के बाद के हैं उन्हें आनलाइन सत्यापन के आधार पर तो विभाग वेतन दे देगा, लेकिन जिनका इसके पहले का है उन्हें वेतन देने में विभाग के लिए समस्या खड़ी पैदा करेगा।