पूर्व वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा, भारत की ओर देख रही पूरी दुनिया Gorakhpur News
पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भारत की संस्कृति दुनिया की सबसे समृद्ध संस्कृति है जिसे पहले के इतिहासकारों ने भुला दिया था। वह गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की ओर से नेपाल क्लब मेें दो दिवसीय मंथन कार्यक्रम में बोल रहे थे।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब की ओर से नेपाल क्लब मेें दो दिवसीय मंथन कार्यक्रम का समारोह पूर्वक शुभारंभ हुआ। उद्धाटन सत्र में आधुनिक विश्व में सनातन संस्कृति और राष्ट्रवाद विषय पर आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भारत की संस्कृति दुनिया की सबसे समृद्ध संस्कृति है, जिसे पहले के इतिहासकारों ने भुला दिया था।
किसान आंदोलन को प्रायोजित बताया
उन्होंने कहा कि आज जब इतिहास का पुनर्मूल्यांकन हुआ है तो पूरी दुनिया भारत की ओर देखने लगी है। पूर्व मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों के इशारे पर देश में प्रायोजित किसान आंदोलन चलाया जा रहा है। मुख्य वक्ता भारतीय इतिहास लेखन के सचिव डा. बालमुकुंद पांडेय ने कहा कि भारत ने वैदिक काल से विश्व को बहुत कुछ दिया है आज फिर पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। किसी भी समस्या का समाधान तभी संभव है, जब उसे लेकर संवाद होगा। विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के डा. रत्नेश त्रिपाठी ने कहा कि परिणाम पाने के लिए संवाद जरूरी है। अध्यक्षीय संबोधन में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने दुनिया में बढ़ रहे पूंजीवाद के प्रभाव पर चिंता जताई। कहा कि इसके दुष्परिणाम से बचना है तो भारतीय संस्कृति को अपनाना होगा। अध्यक्ष मारकंडेय मणि समेत प्रेस क्लब पदाधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत किया।
दूसरे सत्र में वर्तमान समय में पत्रकारों की बढ़ती चुनौती पर चर्चा हुई, जिसमें भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक संजय द्विवेदी, अजय शुक्ल, अजय उपाध्याय आदि ने अपने विचार रखे। तीसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस दौरान महापौर सीताराम जायसवाल भी उपस्थित रहे।
फोटो प्रदर्शनी का रहा आकर्षण
मंथन कार्यक्रम के दौरान छायाकार स्वर्गीय डा. राजीव केतन की याद में फोटो प्रदर्शनी लगाई गई, जिसका उद्धाटन शिव प्रताप शुक्ल ने किया। शहर के प्रमुख छायाकारों के चित्रों से सजी इस प्रदर्शनी का बड़ी संख्या में लोगों ने अवलोकन किया और आयोजन की सराहना की।