नगर निगम में समस्या जस का तस, आ रहा निस्तारण कर दिए जाने का मैसेज
जन सुनवाई निवारण पोर्टल पर दर्ज होने वाली शिकायतों पर नगर निगम की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। अिलबत्ता निास्तारण की फर्जी सूवना मिल रही है।
गोरखपुर : जन सुनवाई निवारण पोर्टल (आईजीआरएस) पर दर्ज होने वाली शिकायतों पर कार्रवाई दिखाने के लिए नगर निगम के अफसर एवं कर्मचारी शिकायतों का फर्जी निस्तारण कर रहे हैं। एक नहीं बल्कि ऐसे हजारों मामले हैं जिसमें समस्याओं का फर्जी निस्तारण किया गया है। इससे तंग आकर बहुत से नागरिकों ने शिकायत करना ही बंद कर दिया है। कुछ ऐसा ही मामला सिधारीपुर में रहने वाले कामिल के साथ भी हुआ। कामिल ने शर्मा जी के मकान से लाडले के मकान तक नाली का क्रास क्षतिग्रस्त होने की शिकायत 15 अगस्त को की थी। 30 अगस्त को निस्तारण किए जाने का मैसेज आ गया। जबकि अब भी नाली का क्रास टूटा हुआ है। मौके पर समस्या यथावत वार्ड नंबर 48 सूरजकुंड के दरियाचक निवासी असलूब अहसन ने पांच जुलाई को पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत की थी कि नाली क्षतिग्रस्त होने के कारण आसपास के घरों से निकलने वाला पानी घर के सामने जमा हो रहा है। जलभराव के कारण घर से निकलना मुश्किल हो गया है। 20 जुलाई को उनके पास मामले के निस्तारण होने का मैसेज आ गया, जबकि मौके पर कोई काम नहीं हुआ। आन लाइन शिकायत में समस्या देखे बगैर निस्तारण का मैसेज
वार्ड नंबर शेषपुर के पार्षद संजीव सिंह ने चार माह पहले वार्ड के कई हिस्सों में सफाई न होने एवं पेयजल की समस्या की ऑनलाइन शिकायत की थी, कुछ दिन बाद उन्होंने पोर्टल पर स्टेटस देखा तो पाया कि समस्या का निस्तारण हो गया है। जबकि समस्या जस की तस बनी हुई है। उन्होंने दोबारा निगम में शिकायत की और इस बार भी निस्तारण का जवाब आया। कार्रवाई से बचने के लिए फर्जी निस्तारण
सपा पार्षद शहाब अंसारी का आरोप है कि शिकायतों को लेकिन हर माह समीक्षा होने के बाद शिकायतों के निस्तारण में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। बकौल शहाब, आठ अगस्त को इस्माइलपुर वार्ड में सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की शिकायत की थी, दस दिन बाद निस्तारण का मैसेज आ गया। बाद में फिर से लंबित दिखाने लगा। कार्यकारिणी में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। साथ ही कार्रवाई और नियमित समीक्षा की माग भी की जाएगी। फर्जी निस्तारण के मैसेज की होगी जांच
नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश सिंह का कहना है कि शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर किसी की शिकायत पर ऐसा हुआ है तो जांच कराकर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।