गोरखपुर में फोरेंसिक लैब तैयार, दो विभागों में शुरू होगी जांच Gorakhpur News
गोरखपुर में फोरेंसिक लैब तैयार हो गया है। शीघ्र ही यहां जांच शुरू हो जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर कोतवाली इलाके में पुरानी जेल की जगह बना फोरेंसिक लैब बनकर तैयार हो गया है। डिप्टी डायरेक्टर ने कार्यभार संभाल लिया है और परीक्षण से संबंधित उपकरण भी लगा दिए गए हैं। बहुत जल्दी यहां परीक्षण भी शुरू हो जाएगा। पहले एक अगस्त से परीक्षण शुरू होना था, लेकिन कोरोना की वजह से कोतवाली इलाके में एक सप्ताह की बंदी हो जाने की वजह से तिथि आगे बढ़ानी पड़ी। बंदी खत्म होते ही लैब में परीक्षण शुरू हो जाएगा।
एक अगस्त लैब में शुरू होना था परीक्षण, कोतवाली इलाके में बंदी बनी बाधा
फोरेंसिक लैब में अपराध से जुड़े वैज्ञानिक साक्ष्यों और डीएनए आदि का परीक्षण किया जाता है। इससे पहले प्रदेश में लखनऊ और वाराणसी में ही फोरेंसिक लैब थी। प्रदेश भर की पुलिस को अपराध से जुड़े साक्ष्यों का परीक्षण के लिए इन्हीं दोनों लैब में भेजना पड़ता था। परीक्षण के लिए काफी अधिक सैंपल आने से रिपोर्ट आने में काफी विलंब होता था। जिसका असर मुकदमों की विवेचना पर पड़ता था और कई बार वास्तविक आरोपित बच निकलते थे। इस स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सभी जोन मुख्यालयों पर फोरेंसिक लैब स्थापित करने का फैसला लिया था। गोरखपुर में यह लैब कई साल से बन रही थी अब बनकर तैयार हो गई है।
यहां की लैब के पहले डिप्टी डायरेक्टर नियुक्त किए गए सुरेंद्र चंद्रा ने एसएसपी से मुलाकात कर लैब में परीक्षण का काम शुरू होने से पहले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और कुछ होमगार्ड जवानों को तैनात करने की सिफारिश की है। एसएसपी ने हर संभव मदद करने का उनको आश्वासन भी दिया है। साथ ही बहुत जल्दी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और होमगार्ड जवानों की तैनाती करने की बात कही है।
पहले चरण में इन अनुभागों में शुरू होगा परीक्षण
लैब में पहले चरण में दो अनुभागों में परीक्षण शुरू होगा। जिसमें एक है जीव अनुभाग। इसमें वीर्य, बाल, लार और दुष्कर्म से संबंधित अन्य सैंपालों का परीक्षण होगा। इसे साथ रक्त अनुभाग भी क्रियाशील होगा। इसमें खून से जुड़े सभी नमूनों की जांच की जाएगी।
जोन के सभी जिलों की पुलिस भेजेगी सैंपल
अपराध से जुड़े साक्ष्यों का परीक्षण करने के लिए जोन के सभी 11 जिलों की पुलिस, गोरखपुर फोरेंसिक लैब में ही सैंपल भेजेगी। सैंपल का परीक्षण करने के बाद रिपोर्ट यहां से सीधे संबंधित जिले को भेजी जाएगी। जोन के तीन रेंज में गोरखपुर के अलावा देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, संतकबीरनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच और गोंडा शामिल हैं।
एक अगस्त से लैब में परीक्षण का काम शुरू होना था। बंदी की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। बंदी खत्म होते ही परीक्षण का काम शुरू हो जाएगा। पहले चरण में जीव व रक्त अनुभाग में काम शुरू होगा। बाद में अन्य अनुभागों को क्रियाशील किया जाएगा। - सुरेंद्र चंद्रा, डिप्टी डायरेक्टर।