Lockdown in Gorakhpur: गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में मोबाइल से रजिस्ट्रेशन कराएं, डॉक्टर खुद करेंगे फोन
मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन के लिए चार मोबाइल नंबर व बीमारी से संबंधित कागजात मंगाने के लिए एक वाट्सएप नंबर जारी किया है। मरीजों को केवल फोन कर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
गोरखपुर, जेएनएन। बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज ने टेलीमेडिसिन की मुकम्मल व्यवस्था की है। ओपीडी बंद है, ऐसे समय में मरीजों के लिए बड़ी राहत मिलेगी। कॉलेज प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन के लिए चार मोबाइल नंबर व बीमारी से संबंधित कागजात मंगाने के लिए एक वाट्सएप नंबर जारी किया है। मरीजों को केवल फोन कर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद सुबह आठ से शाम चार बजे तक डॉक्टर खुद मरीजों को फोन कर उनकी समस्या जानेंगे और निदान करेंगे। उनके वाट्सएप नंबर पर दवा के पर्चे भी भेजे जाएंगे।
जिला प्रशासन के निर्देश पर जारी हुआ नंबर
जिला प्रशासन के निर्देश पर एक सप्ताह पूर्व मेडिकल कॉलेज ने टेलीमेडिसिन सेवा तो शुरू कर दी थी, लेकिन सिर्फ एक नंबर 0551-2987777 जारी किया गया था। नंबर हमेशा व्यस्त रहता था। सभी मरीजों को डॉक्टर का परामर्श नहीं मिल पाता था। इसे देखते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने नई व्यवस्था की है।
मेडिकल कॉलेज में ओपीडी के लिए निर्धारित किए गए अलग-अलग दिन
बीआरडी मेडिकल कालेज में कुल 11 विभागों में परामर्श के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए गए हैं। कुछ जरूरी बीमारियों के लिए संबंधित विभागों की ओपीडी रोज चालू रहेगी। एक नंबर जो पहले जारी किया गया था, वह भी चालू रहेगा।
दिन - विभाग
प्रतिदिन- मेडिसिन, सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग व बाल रोग विभाग।
सोमवार, बुधवार, शुक्रवार- अस्थिरोग, नेत्र रोग, टीबी एवं चेस्ट, चर्म रोग विभाग।
मंगलवार, गुरुवार, शनिवार- मानसिक रोग, दंत रोग, नाक-कान-गला रोग विभाग।
इस नंबर पर कराएं रजिस्ट्रेशन
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बीमारी का इलाज कराने के लिए चार मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं। मोबाइन नंबर 9451086522, 9451091944, 9451080844 और 9451081488 नंबर पर कोई भी मरीज रजिस्ट्रेशन करा सकता है। इसके अलावा वाट्सएप नंबर 9451071865 भी जारी किया गया है। इसमें डाक्टर मरीजों को दवा लिखेंगे।
जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी में भी इलाज
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि यदि किसी मरीज को आकस्मिक सेवा की जरूरत पड़ती है तो उसके इलाज की भी व्यवस्था कराई जाएगी। अन्य मरीजों को वाट्सएप से पर्चा भेज दिया जाएगा ताकि वह मेडिकल स्टोर से दवा खरीद सकें।